पटना, 5 अगस्त | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में बाढ़ पीड़ितों को राहत और अनुदान के लिए 315 करोड़ रुपये और पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 40़ 40 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी गई। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय में प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने संवाददाताओं को बताया कि बिहार सरकार ने एक कठोर फैसला लेते हुए आठ डॉक्टरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
फोटो: बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ का 28 जुलाई, 2016 को हवाई सर्वेक्षण करते नीतीश कुमार। (आईएएनएस)
बर्खास्त होने वालों में औरंगाबाद के गोह में तैनात डॉ़ लीला सिन्हा, गया के इमामगंज में तैनात डॉ़ निखिल कुमार रोहतगी, वैशाली के महनार में तैनात डॉ़ नवीन कुमार, मुंगेर के बैजलपुर के असरगंज में तैनात डॉ़ देवेंद्र कुमार सिंह, समस्तीपुर के कामेश्वर नगर में तैनात डॉ़ राघवेंद्र झा, समस्तीपुर के रोसड़ा में तैनात डॉ़ मंजूनाथ, समस्तीपुर के नरहन में तैनात डॉ़ बी.क़े प्रसाद और समस्तीपुर के रोसड़ा में तैनात डॉ़ जयश्री सिन्हा शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इन डॉक्टरों पर पांच साल से सेवा पर उपस्थित नहीं होने का आरोप है।
प्रधान सचिव ने बताया कि बैठक में राज्य के जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों में कार्यरत 22,587 माध्यमिक शिक्षक, 11,159 उच्च माध्यमिक शिक्षक और 1886 लाइब्रेरियन के वेतन के लिए 8़85 अरब 67 लाख 69,638 रुपये मंजूर किए गए।
राज्य के शिक्षण प्रशिक्षण कलेजों को सु²ढ़ करने पर 345 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी भी बैठक में दी गई। शिक्षकों की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए विश्व बैंक की मदद से इसे पूरा करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस निर्णय से राज्य के आठ नए शिक्षक प्रशिक्षण कलेज और पांच नए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण कलेज के भवन निर्माण पर 181़ 93 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मेहरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 40 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। –आईएएनएस
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