नई दिल्ली, 11 फरवरी | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एक बिहारी जब कहीं जाता है तो भीख नहीं मांगता, बल्कि कोई न कोई काम करता है। वे किसी पर बोझ नहीं बनते बल्कि लोगों के बोझ उठाने का काम करते हैं। इसी कारण आज दिल्ली, मुंबई या पंजाब में बिहारियों का सम्मान बढ़ा है।
नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली के अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया में गति लाई जानी चाहिए। जब सरकार उन कालोनियों में सड़क और बिजली दे ही रही है तो उसे नियमित भी जल्द से जल्द कर देना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे नीतीश ने कहा, “हमारी यह शुरू से मांग रही है कि जहां बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए, वहीं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा भी दिया जाना चाहिए।”
कुमार ने कहा कि बिहार से आने वाले गरीब-गुरबा, मजदूर दिन-रात मेहनत कर अपनी गाढ़ी कमाई से इन कालोनियों में जमीन खरीद कर मकान बनाते हैं, लेकिन अनियमित होने के कारण वे बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो सरकार चुनी जाती है, उनमें प्रवासी बिहारियों के वोट अहम होते हैं, लेकिन इन प्रवासी बिहारियों के मत प्राप्त करने के बाद भी उनकी सुख-सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जाता।
नीतीश ने ये बातें नई दिल्ली के नेब सराय में छठ पूजा समिति द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में कही।
कुमार ने कहा कि नेब सराय के प्रवासी बिहारियों ने अपने मोहल्ले में बनाए गए छठघाट को देखने के लिए बुलाया तो वह वहां सहर्ष आ गए।
कुमार ने बताया कि आज दिल्ली में बिहारियों का योगदान इतना अधिक हो चुका है कि अगर वे किसी दिन यह निर्णय ले लें कि आज काम नहीं करना है तो पूरी दिल्ली थम जाएगी।
इस अवसर जनता दल (युनाइटेड) के महासचिव (दिल्ली प्रदेश प्रभारी) संजय झा ने बताया कि उनका दल इस बार दिल्ली में नगर निगम की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी मांग की कि दिल्ली की सभी 1647 अनाधिकृत कालोनियों को नियमित किया जाए।–आईएएनएस
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