नई दिल्ली, 11 मार्च | पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में शनिवार को आए नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी। पार्टी को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ऐतिहासिक कामयाबी मिली है। जबकि, पंजाब में कांग्रेस ने शानदार सफलता हासिल की है। मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत नहीं हासिल कर सकी है।
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भाजपा को दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिला है। पार्टी ने इन चुनावी नतीजों को ऐतिहासिक करार दिया है और कहा है कि देश की राजनीति पर इसका दूरगामी असर होगा। कांग्रेस ने भी स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में आए इन नतीजों से वह आश्चर्य में है।
देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 403 सीट में से भाजपा गठबंधन ने 325 सीटें जीती हैं।
राज्य में समाजवादी पार्टी की साइकिल पंचर हो गई है। सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर इनके खाते में कुल 54 सीट आईं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तो दुर्गति ही हो गई। पार्टी के खाते में कुल 19 सीटें आईं और पार्टी प्रमुख मायावती ने यह कहने में देर नहीं की कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ की गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पद से इस्तीफा देने में देर नहीं की।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, “भाजपा को मिला यह ऐतिहासिक जनादेश भारतीय राजनीति को नई दिशा देगा। यह जाति, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का खात्मा करेगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के अलावा भाजपा गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाएगी।
भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने आईएएनएस से कहा, “मोदी सरकार के अच्छे कार्यो और अमित शाह की नीतियों ने सफलता दिलाई।”
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस को भाजपा ने करारी मात दी। राज्य की कुल 70 सीटों में से भाजपा के खाते में 57 आई हैं। कांग्रेस को केवल 11 सीट मिली हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दो जगह से चुनाव लड़ा था। वह दोनों जगह हार गए।
कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा, “यह बहुत तगड़ा झटका है। हमें उत्तर प्रदेश के नतीजों से निराशा हुई है।”
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, “हमारी पार्टी कंफ्यूज लग रही है।”
हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का जोरदार समर्थन करते हुए कहा कि हार के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
कांग्रेस को पंजाब में शानदार सफलता मिली। दस साल बाद पार्टी सत्ता में लौटी। पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी को धूल चटा दी।
कांग्रेस को राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह (75) का अच्छा नेतृत्व मिला जिनका शनिवार को जन्मदिन भी था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पंजाब की 117 सीटों में से 77 पर जीत हासिल की। आम आदमी पार्टी को महज 20 सीट मिली। सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा को सिर्फ 18 सीटें (अकाली दल-15, भाजपा-तीन) मिलीं। इसके 10 मंत्री चुनाव हार गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिंदर सिह को फोन कर उन्हें जीत की बधाई दी।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब से काफी उम्मीदें लगा रखी थीं। इस लिहाज से परिणाम उसके लिए निराशाजनक रहे। हालांकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरने को पार्टी ने उपलब्धि बताया है।
आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने आईएएनएस से कहा, “हमें पंजाब में सरकार बनाने की उम्मीद थी। हम नतीजों से निराश हैं। हालांकि, राज्य विधानसभा चुनाव में एक नई पार्टी का दूसरे स्थान पर रहना भी बड़ी बात है। इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि आप नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि आखिर इस सीमावर्ती राज्य में सरकार बनाने की पार्टी की कोशिशों में कहां कमी रह गई?
गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा को झटका लगा। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। लेकिन, यह बहुमत के लिए नाकाफी है। भाजपा को 13 सीट मिली हैं। आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुला। अब राज्य में सरकार गठन की चाबी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (3 सीट), गोवा फारवर्ड पार्टी (3 सीट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (1 सीट) और अन्य (3 सीट) के हाथों में है।
पूवरेत्तर राज्य मणिपुर में भी त्रिशंकु विधानसभा सामने आई है। यहां भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पार्टी ने 28 सीटें जीती हैं। यह बहुमत से 3 सीट कम है। भाजपा को 21 सीटें मिली हैं। यहां भी सरकार गठन में छोटे दलों की भूमिका निर्णायक होने जा रही है।
–आईएएनएस
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