नई दिल्ली, 28 नवंबर| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अघोषित आय या निवेश या बैंकों में जमा नकदी पर 60 फीसदी कर लगाने को लेकर आयकर नियमों में संशोधन के लिए सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। कराधान कानून (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2016 के तहत घोषणाकर्ता को 60 फीसदी कर चुकाने के बाद शेष बची राशि पर अतिरिक्त नियमित कर चुकाना होगा।
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 2016 के नाम से एक आय प्रकटीकरण योजना पेश की है, जो लोगों को अपने खातों में पैसे जमा करने की मंजूरी प्रदान करेगा, जिसके लिए उन्हें एक अप्रैल, 2017 तक कुल राशि का 50 फीसदी- 30 फीसदी कर, 10 फीसदी जुर्माना तथा कर राशि का 33 फीसदी, जो कि 10 फीसदी होगा, गरीब कल्याण सेस के रूप में चुकाना होगा।
इसके अलावा, इस योजना के तहत, 25 फीसदी राशि चार वर्षो तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना में लॉक रहेगी।
इस नई आय घोषणा योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत घोषित कुल राशि घोषणाकर्ता की कुल आय में नहीं शामिल की जाएगी।
आयकर की तलाशी के दौरान पाई गई अघोषित आय पर आयकर विभाग नियमित कर के अलावा, 30 फीसदी जुर्माना भी लगाएगा। यह तभी होगा, जब तलाशी लेने वाला अघोषित आय मिलना स्वीकार करता है और यह साबित करता है कि किन परिस्थितियों में अघोषित आय पाई गई।
अगर जांचकर्ता ऐसा नहीं करता है, तो कर के अलावा, जुर्माना बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया जाएगा।
इस योजना के उद्देश्यों व कारणों के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि यह संशोधन इसलिए लाया गया है, क्योंकि विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है, “लोगों को काले धन को फिर से काला करने का मौका देने के बदले सरकार को भारी जुर्माना लगाकर उन्हें सफेद करने का मौका देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सरकार को गरीबों के कल्याण से संबंधित कार्य करने के लिए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन साथ ही अघोषित आय वैध तरीके से औपचारिक अर्थव्यवस्था का हो जाएगा। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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