जयपुर, 21 अगस्त | ब्रिक्स सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को विदेशी पावणे जयपुर की विश्व प्रसिद्ध वैधशाला जंतर मंतर और सिटी पैलेस की अद्भुत वास्तुकला का अवलोकन कर अभिभूत हुए। गुलाबीनगर में रविवार को रिमझिम बारिश में वास्तुकला के बेजोड़ आकर्षक पर्यटन स्थलों को देखकर विदेशी पावणों ने आनंद उठाया।
दक्षिणी अफ्रीका की महिला सासंदों का नेतृत्व कर रही तांडी आर मोडीसे कहती हैं कि जयपुर बहुत खुबसूरत शहर है। मैं अपनी दो बेटियों के साथ इस शहर को देखने दुबारा आउंगी। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय की बनी वैधशाला को बेहद खूबसूरती से संरक्षित किया गया है।
रूस की महिला सांसद गलिना कारेलोवा जंतर मंतर में बना लघु सम्राट यंत्र को देखकर रोमांचित हुईं और कहा ‘इट्स वैरी वंडरफुल’। उन्होंने कहा कि यह वैधशाला स्थापत्य तथा वैज्ञानिक तकनीक का बेजोड़ नमूना है।
ब्राजील की महिला सांसद आकाशीय पिंडों के अध्ययन के लिए बनी जंतर मंतर की वैधशाला को देखकर मंत्रमुग्ध हुईं। जंतर मंतर के नाड़ीवलय यंत्र तथा वृहद् सम्राट यंत्र को देखकर उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन के माध्यम से हमें गुलाबीनगर की इस चित्ताकर्षक वैधशाला को देखने का अवसर मिला है।
ब्राजील की महिला सांसद दोरीना से अबरा रेजेंडे ने कहा कि जितना खूबसूरत यह शहर है उतनी ही आत्मीयता एवं गर्मजोशी से यहां पर हमारा स्वागत किया गया है, जिसके हम बेहद शुक्रगुजार हैं।
ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका एवं भारतीय महिला सांसद यहां के विश्व प्रसिद्ध स्थापत्य कला के बेजोड़ नयनाभिराम ऐतिहासिक सिटी पैलेस को देखकर रोमांचित हुईं। ब्राजील की महिला सांसद दोरीना सेअबरा रजेंडे ने सिटी पैलेस को बहुत रुचि लेकर देखा और स्थापत्य कला की बारीकियों को देखकर कहा कि यहां की वास्तुकला पूरी दुनिया का बेजोड़ नमूना है।
विदेशी पावणों ने मुगल, यूरोपीय एवं राजपूत स्थापत्य कला का अद्भुत समन्वय तथा मेहमानवाजी के लिए निर्मित मुबारक महल का पूरे मनोयोग से अवलोकन किया। विश्व के सबसे बड़े चांदी के आश्चर्य चकित करने वाले कलश की भव्यता को देखकर कह उठे ‘वाव’ और खुद को साथ में फोटो खिंचवाने से नहीं रोक सके।
इसी प्रकार महिला सांसदों ने सिटी पैलेस का दीवाने आम में स्थापित महाराजा का निजी पुस्तकालय (पोथी खाना) एवं शास्त्रागार देखा जो कि उनके लिए एक नवीन अनुभव था। विदेशी पावणे सिटी पैलेस में 19वीं शताब्दी के संरक्षित एवं खूबसूरती से खींचे गये छायाचित्रों को टकटकी लगाकर देखते रहे तथा इन छायाचित्रों की फोटो अपनी स्मृति के लिए संजोकर ले गए।
महिला सांसदों ने सिटी पैलेस में सुसज्जित रूप से प्रदर्शित किए गए कलात्मक वस्तुओं, हस्तशिल्प एवं परंपरागत वेशभूषा की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि ये कलात्मक वस्तुएं जयपुर की शान है।
इससे पहले सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर कच्ची घोड़ी नृत्य, ढोल नगाड़ों के वादन और विदेशी पावणों का राजस्थानी परंपरा के अनुसार माला पहनाकर स्वागत किया गया एवं गुलाब की पंखुड़ियों की उन पर बारिश की गई। इस आत्मीयता एवं गर्मजोशी से ़किए गए आतिथ्य सत्कार से वे मंत्रमुग्ध हो गए।–आईएएनएस
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