भारतीय वायु सेना अपने हवाई योद्धाओं के पार्थिव अवशेषों (Mortal Remains) को वापस लाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। इस काम के लिए 8 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान (IAF AN-32 carrier aircraft) दुर्घटना के शिकार हवाई योद्धाओं के पार्थिव अवशेषों (Mortal Remains) को लाने के लिए भारतीय वायु सेना के पर्वतारोही, सेना के विशेष बलों के जवान और स्थानीय पर्वतारोही दुर्घटना स्थल तक पहुंच गए हैं।
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाके में 3 जून को हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले वायु-योद्धा विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉर्पोरल शारिन, लीडिंग एयरक्राफ्टमैन एसके सिंह, लीडिंग एयरक्राफ्टमैन पंकज, एनसी (ई) पुतली और एनसी (ई) राजेश कुमार थे।
भारतीय वायु सेना ने एएन-32 की तलाश और पार्थिव अवशेषों (Mortal Remains) को लाने के लिए लगभग 200 से ज्यादा उड़ाने भरी हैं।
पार्थिव अवशेषों (Mortal Remains) और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों को हेलिकॉप्टरों के माध्यम से एकत्र करना होगा और विभिन्न चरणों में जोरहाट वापस लाना होगा।
मौसम लगातार प्रतिकूल बना हुआ है और उसके कारण अभियान पर असर पड़ सकता है।
Aircraft Photo Courtesy IAF
पार्थिव अवशेषों (Mortal Remains) को जितनी जल्दी से जल्दी संभव हो सके वापस लाने के लिए रिकवरी टीम को दुर्गम इलाके और कठोर मौसम का सामना करना पड़ रहा है।
विमान में सवार सभी कर्मियों के परिजनों को दुर्घटना और उसके बाद के भारतीय वायु सेना द्वारा चलाए गए तलाशी अभियानों के बारे में सूचना दे दी गई है।
संबंधित परिवारों को पार्थिव अवशेष (Mortal Remains) वापस लाने के कार्य में हुई प्रगति के बारे में भी सूचना दी गई है।
भारतीय वायु सेना के अधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं।
भारतीय वायु सेना और उसके सभी जवान दुख की इस घड़ी में उन परिवारों के साथ हैं।