नई दिल्ली, 29 जुलाई (जनसमा)। देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ 25 लाख लोगों के पास ही ब्रॉडबैंड द्वारा इंटरनेट पहुंचा है। कहने का तात्पर्य यह है कि इंटरनेट के ग्राहकों की संख्या कुल आबादी का 32.86 प्रतिशत ही है और इसमें भी विकसित राज्यों और शहरों में ही ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन इस्तेमाल किये जा रहे हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार 31 मार्च 2017 तक देश में 422.19 मिलियन ब्रॉडबैंड ग्राहक थे और इंटरनेट की पैठ (इंटरनेट ग्राहक प्रति 100 आबादी) 32.86 प्रतिशत थी।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने भरोसा दिलाया कि सरकार देश के सभी ग्राम पंचायतों को 100 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टीविटी प्रदान करने के लिए भारत नेट परियोजना तैयार की है।
परियोजना के पहले चरण में भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाकर एक लाख ग्राम पंचायचों को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
दूसरे चरण के अंतर्गत शेष 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में भूमिगत फाइबर, बिजली की तारों के ऊपर फाइबर, रेडियो और सेटलाइट मीडिया का इस्तेमाल करते हुए कनेक्टीविटी प्रदान की जाएगी।
दूसरे चरण का कार्य मार्च 2019 तक पूरा होगा। सरकार ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति–2012 में वर्ष 2020 तक ब्रॉडबैंड कनेक्शनों की संख्या 60 करोड़ तक पहुंचाने के बारे में विचार किया है।
जनसमा की टिप्पणी: विचार अच्छा है किन्तु ख्वाब के जैसा लगता है। ब्रॉडबैंड पहुंचाने के लिए जिसतरह के इंफ्रास्ट्रकचर की जरूरत है वह जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकसित होते हुए सैटेलाइट इलाकों में भी नहीं हैं तब देश के दूरदराज इलाकों के बारे में कौन बता सकता है। अलबत्ता जब ख्वाब देखेंगे तभी तो कुछ करेंगे, ऐसी बात पोजिटिव सोच के लोग तो करते ही हैं।
Follow @JansamacharNews