कोलंबो/नई दिल्ली, 12 मई (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया में हिंसा की बढ़ती घटनाओं का जवाब बुद्ध का शांति संदेश है। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 14वें अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में यहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “आज सतत विश्व शांति की राह की सबसे बड़ी चुनौती देशों के बीच संघर्ष से नहीं उपजी है।” वेसाक दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति तथा उनके महापरिनिर्वाण के संदर्भ में मनाया जाता है।
श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस की पहली बार मेजबानी कर रहा है। इस साल के समारोह का थीम समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में हिंसा का खतरा इसी विध्वंसक मानसिकता की ठोस अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि हमारे क्षेत्र में ये विचारधाराएं और उनके समर्थक बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं और इसलिए उनकी वजह से केवल मौतें और विनाश हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “बौद्ध धर्म हमारे संबंधों में हमेशा ऊर्जा भरता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कोलंबो तथा वाराणसी के बीच एक सीधी विमान सेवा की घोषणा की। बुद्ध ने वाराणसी में अपना पहला उपदेश दिया था। उन्होंने कहा, “वाराणसी तक सीधी विमान सेवा से श्रीलंका के मेरे भाई-बहनों को बुद्ध की भूमि तक पहुंचने में आसानी होगी और सीधे श्रावस्ती, कुशीनगर, संकासा, कौशांबी तथा सारनाथ पहुंचने में मदद मिलेगी।” मोदी ने कहा, “इससे मेरे तमिल भाई-बहन भी काशी विश्वनाथ की भूमि वाराणसी का दौरा करने में सक्षम होंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीलंका दौरे के बीच यह खबर आई है कि श्रीलंका ने चीन की एक पनडुब्बी को कोलंबो के बंदरगाह में रखने को लेकर की गई बीजिंग की अपील को खारिज कर दिया है। बता दें कि श्रीलंका ने अक्टूबर 2014 में एक चीनी पनडुब्बी को कोलंबो बंदरगाह पर रखने की इजाजत दी थी, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के नुवारा एलिया जिले में स्थित डिकोया में भारतीय सहायता से निर्मित मल्टी स्पेशियलटी अस्पताल का उद्घाटन किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, “श्रीलंका के लोगों का स्वास्थ्य और कल्याण- एक साझी प्राथमिकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के ‘सेंट्रल प्रोविंस’ में डिकोया ग्लेन्गेरान हॉस्पिटल का उद्घाटन किया।”
जिस क्षेत्र में यह अस्पताल स्थित है, वहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के तमिल चाय बागान कामगार रहते हैं। श्रीलंका में भारतीय सहायता से 150 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण पर 50 करोड़ रुपये का खर्च आया है। भारत ने अपने इस दक्षिणवर्ती पड़ोसी देश को 2.6 अरब डॉलर की सहायता विकास कार्यो के लिए देने की प्रतिबद्धता जताई है और अस्पताल का निर्माण इसी कार्यक्रम के तहत हुआ है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के निमंत्रण पर श्रीलंका के दौरे पर आए हैं। मार्च 2015 के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का यह दूसरा श्रीलंका दौरा है।
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