नई दिल्ली, 29 अगस्त| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बुलंदशहर दुष्कर्म मामले की जांच राज्य पुलिस से हस्तांतरित करने संबंधी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति वी. नागप्पन की वाली पीठ ने दुष्कर्म की शिकार नाबालिग लड़की के पिता की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन को मामले में अदालत की सहायता करने के लिए न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त किया है।
पीड़िता के पिता ने उत्तर प्रदेश पुलिस से मामला हस्तांतरित कराने की मांग के साथ ही अदालत से जांच की निगरानी करने का भी आग्रह किया है।
पीठ ने सामूहिक दुष्कर्म, हत्या या इस तरह के जघन्य अपराधों से जुड़े मामले में टिप्पणियां करने में सत्तासीन लोगों की भूमिका से संबंधित चार सवाल तैयार किए हैं, जिनके जवाब न्यायालय को ढूढ़ने हैं।
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आजम खान को भी नोटिस जारी किया गया है, जिनके खिलाफ पीड़िता के पिता ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है। खान ने कथित दुष्कर्म को राजनीतिक साजिश बताया था।
नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ 29 जुलाई को बुलंदशहर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।
पीड़िता के वकील ने अदालत से कहा कि पीड़िता को अपने पिता और अन्य परिजनों के सामने पांच घंटे तक आघात सहना पड़ा और जब उन्होंने फोन पर पुलिस को सूचना दी तो भी 25 मिनट तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई। –आईएएनएस
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