केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों, इमरजेन्सी कमीशन्ड अधिकारियों, शॉर्ट सर्विस कमीशन्ड अधिकारियों तथा समय पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों को पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ECHS) के तहत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को मंजूरी दे दी।
सरकार का फैसला देश के लिए अपनी आमूल्य सेवाएं देने वाले बहादुर सैनिकों के कल्याण के लिए पहले दिन से ही तय की गई नीतियों की तरफ उठाया गया एक ओर महत्वपूर्ण कदम हैं।
इसके परिणामस्वरूप अब ऐसे 43,000 हजार पूर्व सैनिक और अधिकारी ईसीएचएस सेवा का लाभ ले सकेंगे जो अब तक इससे वंचित थे।
यह सेवाएं देशभर में स्थित 425 ECHS पॉलिक्लिनिकों, अधिसूचित पैनल वाले 2500 से ज्यादा निजी अस्पतालों और सभी सरकारी अस्पतालों में कुछ शर्तों पर उपलब्ध होंगी।
Photo courtesy : Central Organisation ECHS
ईसीएचएस योजना में पूरा अंशदान एक बार में देने के नियम से सैनिकों की विधवाओं को छूट दी गई है।
एनडीए सरकार द्वारा अप्रैल, 2003 में शुरु की गई ईसीएचएस योजना 54 लाख पूर्व सैनिकों, पेंशनरों, उनके आश्रितों और कुछ अन्य श्रेणियों के पूर्व सैनिकों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराती हैं।
पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए किए गए उपाय :
पूर्व सैनिकों के लिए चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन योजना’ के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप 20 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है।
योजना के तहत भूतपूर्व सैनिकों के लिए सरकार द्वारा किए गए अन्य कल्याणकारी उपायों में पेंशन में 40% की वृद्धि, पूर्व-परिपक्व सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए विकलांगता पेंशन, वास्तविक नियंत्रण रेखा, नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा पर युद्ध में शहीद होने पर मुआवजा तथा युद्ध में सर्वाच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को नवसृजित सेना युद्ध कौशल कल्याण कोष के माध्यम से वित्तीय सहायता , भूतपूर्व सैनिक तदर्थ भत्ता, पूर्व-नौसेनिकों को विशेष पेंशन और 36 से अधिक तरह के रोजगार के लिए 30 हजार से अधिक सेवानिवृत्त सैनिकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देना शामिल है।
Follow @JansamacharNews