देश के 7 करोड़ व्यापारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सीआईआई द्वारा मल्टीब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देने की मांग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सीआईआई विदेशी कंपनियों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों का भोपू है जो देश के रिटेल बाज़ार पर कब्ज़ा करना चाहते है।
कैट ने यह भी आरोप लगाया कि विदेशी कंपनियां और कॉर्पोरेट घराने सीआईआई को फण्ड देते है इसलिए सीआईआई ने इनको खुश रखने के लिए ऐसी मांग की है जो तर्कहीन है और इसका विपरीत प्रभाव देश के छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सीभरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने हाल ही में सीआईआई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सीआईआई विदेशी और बड़ी कंपनियों एवं उद्योगों का संगठन है इस दृष्टि से रिटेल व्यापार उसका क्षेत्र नहीं है और इस नाते से रिटेल व्यापार के बारे में सीआईआई की टिपण्णी बेमानी है।
सीआईआई ने रिटेल व्यापार पर जो रिपोर्ट बनाई है वो विदेशी कम्पनी एटी किरने के सहयोग से बनाई गई है और स्वाभाविक है कि यह रिपोर्ट विदेशी कंपनियों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों के एजेंडे को ही आगे बढ़ाएगी।
केट ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर रिटेल व्यापार में एफडीआई को स्वीकार नहीं करेंगे और उसको रोकने के लिए हर संभव उपाय करेंगे ।जो भी रिटेल में एफडीआई की वकालत करेगा उसको देश के 7 करोड़ व्यापारियों की नाराज़गी का शिकार होने के लिए तैयार रहना चाहिए।
केट ने कहा कि जहाँ तक रिटेल व्यापार के आधुनिकीकरण का सवाल है , उसके लिए सरकार को एक नीति बनानी होगी और व्यापारियों को सहायता देनी होगी जिससे व्यापारी अपने वर्तमान रिटेल व्यापार के मॉडल को आधुनिक रूप में परिवर्तित कर सकें।
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