कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक विज्ञप्ति में जीएसटी पोर्टल की विफलता के लिए इनफ़ोसिस की सीबीआई जांच की मांग की है।
जीएसटी पोर्टल के पूरी तरह फेल होने और संतोषजनक तरीके से काम न करने के लिए इनफ़ोसिस को खास तौर पर दोषी ठहराते हुए कैट ने सरकार से मांग की है कि इनफ़ोसिस और अन्य सम्बंधित कंपनियों की सीबीआई जांच कराई जाये क्योंकि इतना लम्बा समय और पैसा लगने के बाद भी पोर्टल ठीक ढंग से काम नहीं कर पाया है !
कैट ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि यह एक तरीके से देश के साथ बेईमानी है ! देश में जीएसटी लागू होने के चार महीने बाद भी पोर्टल लचर पचर हालत में है जबकि पोर्टल को 1 जुलाई से ही सही तरीके से काम करना जरूरी था !
ऐसा लगता है की अभी तो केवल प्रयोग हो रहा है जिसके कारण देश भर के व्यापारी बेहद हताश और निराश है ! इन हालातों को देखते हुए कैट ने सरकार से कहा है कि इनफ़ोसिस और अन्य कंपनियों के खिलाफ सीबीआई की जांच कराई जाए और जो भी दोषी है उनके खिलाफ कड़ी करवाई की जाए ! यह भी देखा जाए की कहीं यह कोई स्कैम तो नहीं है !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि तीन वर्ष से अधिक का समय और लगभग 1400 करोड़ रुपये से अधिक लगने के बाद भी पोर्टल कसौटी पर खरा नहीं उतरा है !
पोर्टल के फेल होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई महीने की जीएसटी रिटर्न जो 10 अगस्त को भरी जानी थी उसकी तारीख तीन बार बढ़ चुकी है और अब यह तारीख 30 नवंबर है ! और भी अन्य प्रक्रिया जो इस पोर्टल पर होनी है वो भी पूरी तरह बाधित है !
कैट ने सरकार से मांग की है कि पोर्टल की अब तक की वर्तमान स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए वहीँ पोर्टल का किसी तीसरी पार्टी से पूरा ऑडिट कराया जाए जिससे पता लगे की अब तक क्या हुआ है ! क्योंकि यह मामला सीधे देश की कर व्यवस्था से सम्बंधित है, इसलिए देश को यह जाने का हक़ है की पोर्टल के हालत क्या हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार है !
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी एक सर्वश्रेष्ठ कर प्रणाली है लेकिन पोर्टल के निक्कमेपन के कारण जीएसटी पर ही सवालिया निशान लग गए हैं ! देश भर में व्यापारी पोर्टल की वजह से बेहद परेशान हैं और कर पालना करने में अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं ! इनफ़ोसिस और अन्य कंपनियों को किन शर्तो पर पोर्टल का काम दिया और वो अपनी जिम्मेदारी निभाने में कहाँ तक सफल हुई, पोर्टल की वर्तमान हालत के लिए कोन जिम्मेदार है, इस सबकी जांच होना बेहद जरूरी है ! अगर इसको लेकर तुरंत कदम नहीं उठाये गए तो सारी जीएसटी कर प्रणाली ही धराशायी हो जाएगी !
Follow @JansamacharNews