नई दिल्ली, 27 जून । गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के फास्ट ट्रैक कार्यान्वयन के प्रति जन जागरूकता फैलाने के अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने एक सम्मेलन में “जीएसटी पर श्वेत पत्र” जारी किया।
“श्वेत पत्र” में जीएसटी के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की विवेचना की गई है । देश में व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग जीएसटी के बुनियादी सिद्धांतों और अनुपालन दायित्वों के बारे में अनजान हैं। जीएसटी के प्रमुख अवयवों से व्यापारियों एवं अन्य वर्ग के लोगों को प्रशिक्षित करने के अलावा, यह श्वेत पत्र इस नए कानून पर सीएआईटी के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही यह सभी वर्गों को देश के इस सबसे बड़े कर सुधार को आसानी से समझने में मदद करता है।
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया एवं महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक संयुक्त बयान में कहा कि जीएसटी एक प्रौद्योगिकी आधारित कराधान प्रणाली है और वर्तमान में लागू वैट, एक्साइज एंड सर्विसेज टैक्स व्यवस्था से काफी अलग है। देश के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित होने वाला इस कर व्यवस्था के अनुपालन के कई पहलू हैं जो केवल डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही पूरा किए जा सकते हैं।”
सीएआईटी ने छोटे व्यापार और व्यापारिक समुदाय को डिजीटल पेमेंट्स को ज्यादा से ज्यादा अपनाने एवं जीएसटी के प्रति शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए डिजी वार्ता राष्ट्रीय अभियान एवं डिजिटल रथ पूरे देश में चला रखा है। सीएआईटी द्वारा चलाया जा रहा यह व्यापक अभियान से व्यापारियों को जीएसटी प्रणाली के अनुरूप परिवर्तित होने में मदद कर रही है।
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