बिलासपुर, हिमाचल, 17 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शून्य लागत प्राकृतिक कृषि को अपनाने तथा भारतीय नस्ल की गाय को हर घर तक पहुंचाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा जलवायु परिवर्तन की परिस्थितियों को देखते हुए जल संरक्षण हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व बन गया है और इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल रविवार को बिलासपुर जिले के घुमारवीं में संस्कार सोसाईटी द्वारा आयोजित जल संरक्षण जागरूकता अभियान और पारम्परिक तकनीक प्रोत्साहन पुरस्कार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मैगससे पुरस्कार विजेता डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिन्होंने जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने का अद्भुत कार्य किया है, के सहयोग से प्रदेश में जल संरक्षण साक्षरता अभियान आरम्भ किया है, जिसे प्रदेश भर में चलाया जाएगा और इसके लिए आम लोगों का सहयोग लिया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बागवानी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ हरिचंद शर्मा ने कहा कि नौणी विश्वविद्यालय में राज्यपाल के निर्देशानुसार जल संरक्षण के लिए चैकडैमों का निर्माण किया जा रहा है। हर 250 मीटर की दूरी पर ऐसे पांच डैम विकसित किए जा रहे हैं ताकि जल स्तर को बढ़ाया जा सके।
इससे पूर्व, संस्कार सोसाईटी के संस्थापक श्री महेन्द्र धर्माणी ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के जल संरक्षण अभियान से प्रेरित होकर इस संस्था ने इस दिशा में कार्य किया है और क्षेत्र में सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की है, जिसके आंकड़े चौकाने वाले हैं। उन्होंने सर्वेक्षण रिपोर्ट की एक प्रति राज्यपाल को भेंट की।
Follow @JansamacharNews