Kisan Andolan

किसान घाट पर आंदोलन समाप्त, किसानों की मांगों पर विचार

कर्ज माफी और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मांग के साथ अन्य 15 मांगों के समर्थन में 12 दिन पहले शुरू किया गया किसान आंदोलन बुधवार तड़के समाप्त हो गया।

दिल्ली में बुधवार तड़के 2 बजे किसानों ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के स्मारक किसान घाट पहुंचने के बाद आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।

इससे पहले मंगलवार को किसानों ने 12 दिन पहले हरिद्वार से अपनी यात्रा शुरू की थी और मंगलवार सवेरे उत्तर प्रदेश -दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए थे जहां पर उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। यहां किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ, जिसमें अनेक लोगों के चोटें आईं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 02 अक्टूबर, मंगलवार को  भारतीय किसान यूनियन द्वारा प्रस्तुत किए गए ज्ञापन में उठाए गए किसानों की समस्याओं के संबंध में गहन विचार-विमर्श किया गया।

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बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्य चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह तथा  सुरेश राणा सहित सांसद अनिल जैन उपस्थित थे।

भारतीय किसान यूनियन तथा देश के विभिन्न किसान संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी धर्मेंद्र मलिक,अजमेर सिंह लाखोवाल, युद्धवीर सिंह, बलराम लम्बरदार,  राजेश सिंह चौहान, दीवानचंद चौधरी,  विजयपाल सिंह,  के. टी. गंगाधर,  राजपाल शर्मा,  अनिल तालान,  महेंद्र चरौली, राजबीर सिंह जादौन,  रतन मान,  जगदीश सिंह,  के. शैल्ला मुथ्थु,  वीरेंद्र डागर, पूरण सिंह, संजय चौधरी,  सुखदेव सिंह गिल,  रामा स्वामी,  डेवीसन,  एम. राम,  के. वी. राजकुमार एवं  के. वी. एलनकिरन उपस्थित थे।

लगभग तीन घंटे चली इस वार्ता के पश्चात किसानों की समस्याओं के प्रभावी रूप से निराकरण के संबंध में सरकार द्वारा निम्नलिखित कार्रवाई करने का निर्णय लिया गयाः-

दस वर्ष से अधिक डीजल वाहनों के संचालन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाई गई रोक के विरूद्ध सरकार पुनर्विचार याचिका अति शीघ्र दाखिल करेगी।

राज्यों को भी समीचीन कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जाएगा।

मनरेगा को खेती से जोड़ने के लिए नीति आयोग के तत्वाधान में मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति गठित की जा चुकी है जो किसानों से आए सभी सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है।

उक्त समिति में किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा।

खेती में काम आने वाली वस्तुओं को जी0एस0टी0 के 5 प्रतिशत की दर में सम्मिलित करने के लिए यह विषय जी0एस0टी0 परिषद में शीघ्र ही उचित निर्णय के लिए रखा जाएगा।

सरकार के बजट घोषणा के अनुसार उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत अधिक एम.एस.पी. घोषित करने के निर्णय का रबी फसलों में भी अनुपालन किया जाएगा और उसी के अनुसार सभी अधिसूचित फसलों पर इसकी घोषणा की जाएगी।

किसानों की खरीद की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों को केन्द्र की तरफ से एडवाइजरी भेजी जाएगी जिससे कि उनकी सभी फसलों का उचित दाम सुनिश्चित किया जा सकेगा।

पर्याप्त पैदावार होने वाली फसलों के आयात को रोकने के लिए कानून सम्मत हर संभव प्रयास किया जाएगा।

खरीद के लिए अनुमत अवधि को 90 दिन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के संबंध में उठाये गये मुद्दों पर कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा।

यह समिति फसल बीमा योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन में आ रही परेशानियों पर किसान संगठनों से विमर्श के उपरांत अपनी संस्तुति देगी जिस पर सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी।

जंगली पशुओं द्वारा फसलों को हो रहे नुकसान के संबंध में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन करके इस जोखिम को योजना में पायलट आधार पर शामिल किया गया है। इससे आशा की जाती है कि पायलट में अनुभव के आधार पर सभी प्रभावित जिलों में लागू किया जा सकेगा।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई समझौता वार्ता के पश्चात केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह तथा  सुरेश राणा किसानों से वार्ता करने गए तथा चौधरी नरेश टिकैत एवं चौधरी राकेश टिकैत की उपस्थिति में भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी, किसान नेताओं तथा उपस्थित किसानों के साथ वार्ता हुई।

वार्ता में किसानों और उनके प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं तथा उपस्थित सभी मंत्रियों ने किसानों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु समझौते में लिए गए निर्णय तथा मानी गई माँगों के संबंध में विस्तृत रूप से अवगत कराया।

 

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