लोकसभा 2019 चुनावों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि आपराधिक criminal cases पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को इस बात की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
जिन उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले criminal cases चल रहे हैं, उन्हें चुनाव प्रचार अभियान के दौरान तीन बार स्थानीय समाचार पत्रों में और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में जानकारी प्रकाशित करनी होगी।
इसका तात्पर्य यह है कि उम्मीदवार को अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को यह जानकारी देनी होगी कि उसके विरुद्ध अदालत में क्रिमिनल मामला criminal cases चल रहा हैं।
भारत के निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से यह भी कहा है कि यदि वह किसी अपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवार को टिकिट देते हैं तो उसके बारे में इसकी जानकारी पार्टी की वेबसाइट, समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर तीन अलग-अलग अवसरों पर प्रकाशित करें। ।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यह जानकारी रविवार को एक प्रेस वार्ता में 2019 के लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के दौरान दी।
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई को सात चरणों में समाप्त होंगे। मतों की गिनती 23 मई को होगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस संबंध में निर्देश 10 अक्टूबर, 2018 को उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसरण में जारी किए गए थे।
इससे पहले यह परंपरा थी कि उम्मीदवारों को एक शपथ पत्र के द्वारा अपने आपराधिक मामलों का विवरण चुनाव पैनल को देना होता था और उसे सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं समझी गई थी।
Follow @JansamacharNews