फांसी के तख़्ते पर भगतसिंह
23 मार्च, 1931 की सुबह ‘ट्रिब्यून’ अखबार पढ़ते समय भगतसिंह का ध्यान पुस्तक-परिचय स्तंभ पर जा टिका जिसमें रूस में समाजवाद के संस्थापक ‘लेनिन’ के जीवनचरित्र की आलोचना छपी थी। भगतसिंह इस जीवनचरित्र को पढ़ने के लिए बेचैन हो उठे। उन्होंने जेल के वार्डन द्वारा अपने मित्र, प्राणनाथ मेहता वकील…