पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई के मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ सीबीआई कार्रवाई का बचाव करते हुए सोमवार को लोक सभा में कहा कि एजेंसी को कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि अधिकारी सारदा चिट फंड घोटाले में सहयोग नहीं कर रहे थे और बार.बार सम्मन का जवाब देने में विफल रहे।
उन्होंने एजेंसी और राज्य पुलिस के बीच के रुख को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
मंत्री ने कहा, जिस तरह से राज्य की पुलिस ने कार्रवाई की है वह देश की संघीय व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अनुकूल माहौल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अनुमति देने का आग्रह किया।
इससे पहले, टीएमसी सदस्य सौगत रॉय ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि केंद्र लगातार सीबीआई का इस्तेमाल कर विपक्ष को घेर रहा है।
उन्होंने कहा, सीबीआई ने जिस तरह से संवैधानिक संकट खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी की रैली के बाद, बीजेपी दंग है और इसलिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।
रॉय ने कहा, एजेंसी बिना किसी पूर्व आदेश के पुलिस आयुक्त के आवास पर पहुंची।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि विपक्ष को खत्म करने के लिए सीबीआई को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, विपक्ष इस तरह के दबाव के सामने नहीं झुकेगा।
बीजद नेता भर्तृहरि महताब ने जांच एजेंसी की अखंडता पर सवाल उठाया।
समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, राकांपा के सुप्रिया सुले और राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने भी इसी विचार को प्रतिध्वनित किया और सीबीआई की कार्रवाई की निंदा की।
टीएमसी सांसद सौमित्र खान, जिन्होंने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है, ने ममता बनर्जी सरकार पर राज्य में बीजेपी के कार्यक्रमों की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया।
इस बीच, टीएमसी, आरजेडी, एसपी और टीडीपी के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
शोर शराबा जारी रहने के कारण स्पीकर सुमित्रा महाजन ने दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में टीएमसी के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम पर हंगामा किया।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने यह मुद्दा उठाया, आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से केंद्र द्वारा सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है।
विपक्ष के हंगामें के कारण सभापति वेंकैया नायडू ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
लोक सभा की कार्यवाही हंगामें के कारण दो बार स्थगित की गई और फिर मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित करदी गई।
दूसरी ओर कोलकाता में आज दूसरे दिन भी मुख्य मंत्री ममता बैनर्जी का विरोध जारी रहा। उन्हें देश के सभी विपक्षी दलों का सहयोग मिल रहा है। विपक्षी दलों ने सीबीआई की कार्रवाई को लोकतंत्र विरोधी बताया है।
सोमवार दोपहर तक मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो आज ही सुप्रीम कोर्ट में मामला जाएगी जिसमें कहा गया है कि पोंजी घोटालों में उसकी जांच पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस द्वारा बाधित की जा रही है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अदालत के समक्ष याचिका दायर करेंगे और मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध
करेंगे।
यह कदम कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर सीबीआई अधिकारियों के एक दल द्वारा कल चिट फंड घोटाला मामलों में पूछताछ करने के बाद आया है। लेकिन सीबीआई टीम को घर में घुसने से रोक दिया गया और उन्हें एक पुलिस स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया जहां से उन्हें बाद में छोड़ दिया गया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई कार्रवाई का विरोध करते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त के आवास पर पहुंची।
भाजपा ने सीबीआई को कुमार से पूछताछ करने से रोकने के लिए राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस की निंदा की है।
केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कहा कि तृणमूल कांग्रेस की लोकतंत्र में आस्था नहीं है।
बनर्जी ने धरना स्थल पर मौजूद पत्रकारों से रविवार रात कहा था कि यह एक सत्याग्रह है और जब तक देश सुरक्षित नहीं हो जाता मैं इसे जारी रखूंगी।
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