नई दिल्ली, 27 अप्रैल (जनसमा)। डाक विभाग ने मौजूदा नियम के तहत ग्रामीण डाक सेवक के आश्रित परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए नई शुरुआत की है। ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी के दौरान मौत होने पर आश्रित को बिना किसी मुश्किल के तय समय के भीतर अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि किसी भी ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी के दौरान बीमारी या किसी दूसरी वजह से मृत्यु होती है तो उसके परिवार के सदस्य कोअनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगी। जरूरी हुआ तो आवेदक की ऊपरी उम्र की सीमा में भी छूट दी जाएगी। नई योजना की शुरुआत से ग्रामीण डाक सेवक जो कि समाज के कमजोर और गरीब तबके से आते हैं और किसी अनहोनी की स्थिति में जिनपर अचानक मुश्किल आ जाती है उनके परिजनों को राहत मिलेगी।
आश्रितों के निकटतम रिश्तेदारों में भी विस्तार दिया गया है जिसमें अब निम्नलिखित भी शामिल होंगे—
- शादीशुदा बेटा जो मां-पिता के साथ रह रहा है और ग्रामीण डाक सेवक के निधन के समय अपनी आजीविका के लिए पिता पर पूरी तरह निर्भर हो
- तलाकशुदा बेटी जो ग्रामीण डाक सेवक के निधन के समय अपने पिता पर ही पूरी तरह से निर्भर हो
- ग्रामीण डाक सेवक की बहू जो निधन के समय उन्हीं पर पूरी तरह से निर्भर हो और ग्रामीण डाक सेवक के एकमात्र बेटे का पहले ही निधन हो चुका हो।
परिवार के सदस्यों में इसके विस्तार का लक्ष्य हमारे समाज में महिलाओं के सामने उनके पति/परिजन के अचानक निधन से पैदा हुई मुश्किल परिस्थितियों में राहत देना है।
अलग सेवा शर्त, सामाजिक और वित्तीय हालात और परिवार में वित्तीय अभाव, ज्यादा समय लेने वाली जटिल प्रक्रिया की वजह से गरीबी के आधार पर परिजनों के मूल्यांकन के पुराने तरीके को बदलकर वर्तमान तरीका लागू किया गया है। आगे से अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आए आवेदन पर विचार कर आवेदन प्राप्ति की तारीख से तीन महीने के भीतर इस पर फैसला ले लिया जाएगा।
आश्रित को दूर ना जाना पड़े इसके लिए फैसला किया गया है कि ग्रामीण डाक सेवक के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर ग्रामीण डाक सेवक की नियुक्ति वहीं करने की कोशिश की जाएगी जहां उसका परिवार रहता है।
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