CGST

सीजीएसटी अधिकारियों ने किये फर्जी इनपुट टैक्स मामलों में 3 लोग गिरफ्तार

सीजीएसटी (CGST) अधिकारियों ने 91 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) का दावा करने वाली 23 फर्मों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है और इन मामलों में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

विशिष्ट खुफिया जानकारी के अनुसार फर्जी मामले में अस्वीकार्य क्रेडिट का लाभ उठाने और इनका उपयोग करने में कई फर्में शामिल थीं।

इस नेटवर्क में शामिल फर्मों में मेसर्स गिरधर एंटरप्राइजेज, मेसर्स अरुण सेल्स, मेसर्स अक्षय ट्रेडर्स, मेसर्स श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज और 19 अन्य शामिल हैं।

ये 23 फर्में सरकार को वास्तविक जीएसटी का भुगतान किए बिना धोखाधड़ी वाले आईटीसी को पारित करने के इरादे से माल-रहित चालान बनाने में शामिल थीं।

स्वर्गीय दिनेश गुप्ता,  शुभम गुप्ता, विनोद जैन और  योगेश गोयल फर्जी चालान बनाने, बेचने के उक्त व्यवसाय से जुड़े थे।

ये संस्थाएं विभिन्न वस्तुओं का कारोबार कर रही हैं और 551 करोड़ रुपये के माल-रहित चालान बनाने और 91 करोड़ (लगभग) रूपए की अस्वीकार्य आईटीसी पास करने में शामिल हैं।

तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से बयान दिया है।

इसलिए शुभम गुप्ता,  विनोद जैन एवं योगेश गोयल ने जानबूझकर सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) एवं 132(1)(सी) के तहत अपराध किया जो कि संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध हैं और धारा 132(5) के प्रावधान और उक्त अधिनियम की धारा 132 की उप धारा (1) के खंड (i) के तहत दंडनीय हैं।

सीजीएसटी (CGST) अधिनियम की धारा 132 के तहत 10 जुलाई, 2021 को उन्हें  गिरफ्तार किया गया और ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

दिल्ली जोन जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, वर्तमान वित्त वर्ष में 91.256 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया है और इन मामलों में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।