नई दिल्ली, 9 मई (जनसमा)। छत्तीसगढ़ के रायगढ जिले के कुनकुनी ग्राम में आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण से संबंधित मामलों में रायगढ़ के जिला कलक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं बिलासपुर के मंडल रेल प्रबन्धक नई दिल्ली में केंद्रीय अनुसूचित आयोग के समक्ष पेश हुए।
राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग ने जिला कलक्टर को निर्देश दिया कि वे भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई की वर्तमान स्थिति की जानकारी आयोग को दें। साथ ही सभी प्रकरणों में अनुसूचित जनजातियों से नियम विरूद्ध ली गई भूमि मूल भू-स्वामियों को वापस करने तथा छत्तीसगढ राज्य भू-राजस्वसंहिता की धारा 170 (1 एवं 2) के तहत दर्ज प्रकरणों के अतिशीघ्र निपटान के संबंध में तत्परता से कार्रवाई करें और की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को भेजें।
फोटो : राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय।
इसके अलावा उन्हें यह निर्देश भी दिया गया कि जिन मामलों में कलेक्टर की अनुमति से अनुसूचित जनजातियों की भूमि का हस्तांतरण किया गया है, उनमें भू-स्वामियों को वास्तव में भुगतान की गई राशि की जानकारी दी जाए। जिन मामलों में कलेक्टर से अनुमति लिए बिना भूमि काहस्तांतरण किया गया है, ऐसे नामांतरणों को रद्द कर मूल भू-स्वामियों को भूमि वापस करने की कार्रवाई की जाए। यदि भूमि किसी कम्पनी के नाम कर दी गई है तो उसे भी मूल भू-स्वामी को वापस किया जाए तथा राजस्व रिकॉर्डों में मूल भू-स्वामी का नाम वापस दर्ज किया जाए। बेनामी क्रय की गई संपत्ति की पहचान कर उसे मूल भू-स्वामियों को वापस करने की कार्रवाई भी की जाए।
उल्लेखनीय है कि मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार रायगढ जिले के खरसिया क्षेत्र में 300 एकड कुनकुनी जमीन विवाद को प्रकाश में लाने वाले जयलाल राठिया की 17 मार्च को अचानक मौत हो गई थी। समाचारों में कहा गया कि मृतक आदिवासी किसान नेता ने भू माफिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और उनके शव का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के कर दिया गया, जिससे संदेह पैदा हुआ।
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