चंद्रयान 2 (Chandryaan 2) मंगलवार 6 अगस्त, 2019 को पृथ्वी से 1.47 लाख किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की पांचवीं और अंतिम कक्षा (Fifth earth bound orbit) में पहुंच गया।
चंद्रयान 2 के इस महीने 20 तारीख को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है।
चंद्रयान 2 के सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का कार्यक्रम है।
चंद्रयान 2 (Chandryaan 2) ने मंगलवार 6 अगस्त को चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए पृथ्वी की पांचवीं और अंतिम कक्षा (Fifth earth bound orbit) में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक ट्वीट में कहा है कि दोपहर बाद तीन बजकर चार मिनट पर यह कार्य शुरू हुआ जो 17 मिनट और 21 सेकंड तक चला।
फोटो इसरो के ट्विटर अकांउट से साभार
चंद्रयान 2 ( करीब एक लाख सैंतालीस हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी से सबसे दूर के बिंदु पर पहुंच गया है।
इसरो ने जानकारी दी है कि अंतरिक्ष यान अपेक्षा के अनुसार काम कर रहा है।
इस मिशन का अगला महत्वपूर्ण कदम चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा में (Trans Lunar Insertion ) भेजना होगा। ये काम इस महीने की 14 तारीख को सुबह किया जाना तय है।
चंद्रयान 2 चाँद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है।
इसरो के अनुसार चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव विशेष रूप से दिलचस्प है क्योंकि इसकी सतह का बड़ा हिस्सा उत्तरी ध्रुव की तुलना में अधिक छाया में रहता है।
इसके चारों ओर स्थायी रूप से छाया में रहने वाले इन क्षेत्रों में पानी होने की संभावना है। चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के ठंडे क्रेटर्स (गड्ढों) में प्रारंभिक सौर प्रणाली के लुप्त जीवाश्म रिकॉर्ड मौजूद है।
चंद्रयान 2 विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का उपयोग करेगा जो दो गड्ढों- मंज़िनस सी और सिमपेलियस एन के बीच वाले मैदान में लगभग 70° दक्षिणी अक्षांश पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रयास करेगा।
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