भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो (ISRO) ने एक विज्ञप्ति में रविवार 1 सितंबर, 2019 को जानकारी दी कि चन्द्रयान 2 (Chandrayaan 2) आज शाम चन्द्रमा (Moon) के सबसे नजदीक उसकी पांचवीं और अन्तिम कक्षा (fifth Lunar orbit ) में सफलता पूर्वक पहुंचा दिया गया।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2 ) आर्बिटर (Orbiter) पर मौजूद इंजन छह बजकर 21 मिनट पर चालू हुआ और 52 सैकंड तक चला। इससे आर्बिटर ध्रुवीय पोल 119 गुना 127 किलोमीटर कक्षा के नजदीक पहुंच गया।
इस समय तक अंतरिक्ष यान के सभी मानक सामान्य रहे।
चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) का आर्बिटर अगले एक साल से अधिक समय तक चन्द्रमा का चक्कर लगाता रहेगा।
आर्बिटर इस दौरान चन्द्रमा के धरातल की तस्वीरें लेगा और चन्द्रमा के बाहरी वातावरण की जानकारी एकत्र करेगा।
चन्द्रमा का उत्तरी ध्रुव क्षेत्र : फोटो इसरो के सौजन्य से
चन्द्रयान-2 (Chandrayaan 2) का लैंडर विक्रम (Vikram Lander) कल आर्बिटर से अलग हो जायेगा ।
लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉक्टर विक्रम साराभाई (Dr Vikram Sarabhai) के नाम पर रखा गया है।
संभावना है कि बारह बजकर 45 मिनट से 01:45 मिनट के बीच यह स्थिति बनेगीै।
लैंडर विक्रम (Vikram Lander ) चन्द्रमा पर उतरने से पहले चन्द्रमा का चक्कर लगाते हुए दूरी घटायेगा। फिर कक्षा से बाहर निकलकर चन्द्रमा के धरातल पर उतरेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने विज्ञप्ति में यह भी जानकारी दी है कि सात सितम्बर की सुबह लैंडर विक्रम (Vikram Lander) चन्द्रमा (moon) के दक्षिणी ध्रुव (south polar region) के नजदीक सहज रूप से उतरेगा।
उतरने के कुछ घंटों के बाद रोवर लैंडर से बाहर आयेगा और चन्द्रमा की मिट्टी की जांच करेगा।
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