चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) के मंगलवार, 20 अगस्त, 2019 को सवेरे 9 बजकर 2 मिनट पर चंद्रमा की कक्षा (Lunar Orbit ) में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपब्धि हासिल करली।
इसरो (ISRO) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) के चंद्रमा की कक्षा में स्थापित होने के बाद 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उस क्षेत्र में उतरेगा जहाँ अभी तक कोई देश पहुँचा नहीं है।
चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को तीन भाग है– पहला ऑर्बिटर, जो चांद की कक्षा में रहेगा। दूसरा ‘विक्रम’ (Vikram) नाम का लैंडर (Lander) है जो चाँंद की सतह पर उतरेगा और तीसरा ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर है जो चाँद की सतह पर करीब 100 किलोमीटर की दूरी का चक्कर लगाएगा।
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को चन्द्रमा की कक्षा में पहुँचाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह चुनौतीपूर्ण कार्य था, जो इसरो के लिए उपलब्धि है।
चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) अपने साथ भारत के 13 पेलोड और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का भी एक उपकरण लेकर गया है।
चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को 22 जुलाई को प्रक्षेपणयान जीएसएलवी मार्क एम- 1 द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। 14 अगस्त को चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर चंद्र की कक्षा की ओर आगे बढ़ना शुरू किया तथा आज 20 अगस्त को चंद्र की कक्षा में प्रवेश कर गया।
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