किसी दुर्घटना की स्थितियों को समझाते हुए, ड्राइवरों ने कहा कि इसमें बहुत सारे कारक शामिल होते हैं और उनमें से कुछ ड्राइवर के नियंत्रण से परे होते हैं।
नई दिल्ली, 02 जनवरी। नए ‘हिट-एंड-रन’ कानून के विरोध में देश के अनेक भागों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण कई शहरोँ में पेट्रोल पम्पों पर अफरातफरी देखी गई है।
नया ‘हिट-एंड-रन’ कानून यानि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत ऐसे ड्राइवर जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 7 लाख का जुर्माना या 10 साल तक की सजा हो सकती है।
इस कानून के विरुद्ध हड़ताल और आंदोलन के कारण कई शहरोँ में पेट्रोल पम्पों पर अफरातफरी का माहौल दिखाई दिया है।
महाराष्ट्र सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सोमवार को पुलिस से बाजार में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की सुचारू और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है ।
विभाग ने सभी पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर आंदोलन और पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है।
विरोध प्रदर्शन
देश भर के ड्राइवरों ने जेल की सजा में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। ड्राइवरों ने दावा किया है कि कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई बार गुस्साई भीड़ उन्हें जान से मारने पर उतारू होजाती है और इसकारण जान बचने के लिए वे वे मौके से भाग जाते हैं ।
उन्होंने यह भी कहा कि नए प्रावधान ड्राइवरों को नौकरी के लिए हतोत्साहित करेंगे ।
किसी दुर्घटना के आसपास की स्थितियों को समझाते हुए, ड्राइवरों ने कहा कि इसमें बहुत सारे कारक शामिल होते हैं और उनमें से कुछ ड्राइवर के नियंत्रण से परे होते हैं। यदि कोहरे के दौरान खराब दृश्यता के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो ड्राइवरों को “बिना किसी गलती के जेल में सड़ना” पड़ेगा।
विरोध प्रदर्शन के कारण परिवहन व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई कुछ जगहों पर सरकारी बस चालक भी शामिल हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया है कि कुछ राज्यों में कैब ड्राइवर भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। जिससे परिवहन सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा। कुछ शहरो में आटो चालक भी हड़ताल में शामिल हुये जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दोपहर में कम से कम 400 लोग मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर एकत्र हुए और दंड कानून में नए प्रावधान को वापस लेने के लिए रास्ता रोको प्रदर्शन किया।
नए दंड कानून में प्रावधान को वापस लेने की मांग को लेकर महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के अलावा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी ड्राइवरों ने काम करना बंद कर दिया।
उत्तर प्रदेश में प्रतिकूल असर
हड़ताल के चलते समूचे उत्तर प्रदेश में प्रतिकूल असर पड़ा है। दूध, फल और साग सब्जियों की कीमतों में उत्तरोत्तर उछाल दर्ज किया जा रहा है वहीं पेट्रोल, डीजल की किल्लत और कालाबाजारी की संभावनाओं को भी बल मिला है। लखनऊ, कानपुर, बहराइच समेत राज्य के अधिसंख्य इलाकों में आज पेट्रोल पंपों में वाहन चालकों की लंबी कतारें देखी गयीं।
कानपुर के बर्रा,यशोदानगर, रतनलाल नगर समेत कई इलाकों में पेट्रोल पंप भरवाने के लिये एक किमी लंबी त दुपहिया और चार पहिया वाहनो की कतारे लगी देखी गयीं।
पंजाब और हिमाचल प्रदेश में हड़ताल के कारण पेट्रोल के लिए मारामारी रही ।पेट्रोल पंपों पर जहाँ दोपहिया वाहनों में मात्र 100 रुपये चार पहिया वाहनों में 500 रुपये तक का ही तेल डाला जा रहा है।
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