रायपुर, 24 अप्रैल। देश का एक ऐसा राज्य है छत्तीसगढ़, जहां प्रदेश सरकार की कृषक समृद्धि योजना के तहत किसानों को तीन हॉर्स पावर के सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और पांच हॉर्स पावर तक पम्पों के लिए साढ़े सात हजार यूनिट बिजली पिछले आठ साल से निःशुल्क दी जा रही है, वहीं हाल ही में, लगभग साढ़े छह महीने पहले राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सुजला योजना में सूर्य देवता की कृपा से उन्हें खेती के लिए पूरी बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है।
सौर सुजला योजना से छत्तीसगढ़ के दूर-दराज आदिवासी बहुल इलाकों के गांवों में बंजर धरती पर रबी मौसम में और इस तेज गर्मी में भी हरियाली खिलने लगी है। ताजा उदाहरण नगरी विकासखंड के ग्राम मारदापोटी में देखने को मिला है, जहां 48 वर्षीय आदिवासी किसान राधेश्याम नेताम ने इस योजना का लाभ उठाकर पहली बार अपने चार एकड़ खेतों में मूंग और बैगन सहित अन्य साग-सब्जियों की खेती शुरू की है। इस योजना के तहत उन्हें तीन हॉर्सपावर का साढ़े तीन लाख रूपए का सोलर पम्प सिर्फ 10 हजार रूपए में दिया गया है। पम्प के लिए उन्हें सिर्फ सात हजार रूपए देने पड़े हैं, शेष तीन हजार रूपए का टैक्स उसमें जुड़ा है।
नेताम कहते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने उन्हें साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का सोलर सिंचाई पम्प इतनी कम कीमत में उन्हें दिया है। यह उनके जैसे छोटे किसान के लिए बहुत बड़ी बात है। सूरज की रौशनी से सौर पैनलों में बनने वाली बिजली के जरिये रबी मौसम की फसलों के लिए उनके खेतों को पानी मिलने लगा है। वे इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगभग छह महीने पहले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की सोलहवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक नवम्बर को इस योजना की घोषणा की थी। योजना का शुभारंभ उस दिन नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस योजना में ग्यारह हजार किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था। योजना प्रारंभ होने के सिर्फ छह-साढ़े छह महीने की छोटी सी अवधि में छह हजार 988 किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि शेष चार हजार 012 किसानों के स्वीकृत प्रकरणों में इस वर्ष जून 2017 के पहले यह कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार पिछले करीब आठ साल से (वर्ष 2009 से) कृषक जीवन ज्योति योजना का संचालन कर रही है। इस योजना के तहत तीन हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और तीन से पांच हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए 7500 यूनिट बिजली किसानों को हर साल मुफ्त दी जा रही है। इसी कड़ी में करीब छह-साढ़े छह महीने पहले राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सुजला योजना में तो किसानों को पूरी बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है।
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