रायपुर, 14 फरवरी। इंदिरा आवास योजना से अनेक लोगों के घर का सपना पूरा हुआ है। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के बेलसर पंचायत के करमसाय ध्रुव। करीब पांच वर्ष पहले शासन की इस योजना से उनके खुद के घर का सपना पूरा हुआ था। करमसाय ध्रुव अब अपने गांव के सरपंच हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके गांव के 50 गरीब परिवारों को आवास देने की तैयारी है। इनमें से 40 परिवारों को मकान देने की प्रक्रिया भी उनके पंचायत ने पूरी कर ली है।
करमसाय ध्रुव अपने पंचों के साथ राजधानी रायपुर के अध्ययन भ्रमण पर आए हुए हैं। वे कहते हैं कि मकान बनाना खर्चीला काम है। परिवार के लिए एक अदद घर का सपना हर किसी का होता है। पहले इंदिरा आवास योजना और अब प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए सरकार गरीबों के इस सपने को पूरा कर रही है।
ध्रुव बताते हैं कि वे लोग सात भाई हैं। सभी के विवाह के बाद परिवार बढ़ता गया और छोटे से मकान में गुजर-बसर कठिन होता गया। मकान कच्चा होने के कारण टूट-फूट होते रहती थी। बारिश के दिनों में काफी परेशानी होती थी। घर के भीतर छत से पानी टपकता था और आसपास कीचड़ हो जाता था। वे कहते हैं कि वर्ष 2003 से 2008 का वक्त उनके लिए बेहद परेशानी भरा था। वे संयुक्त परिवार से अलग होकर किराए के घर में रहने लगे। इस दौरान कई बार ऐसे मौके भी आए जब किराया देने लायक भी कमा नहीं पाते थे।
करमसाय बताते हैं कि वर्ष 2012 में गांव के तत्कालीन सरपंच की पहल से उन्हें और उनके गांव के 12 अन्य परिवारों को इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत मकान मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस वर्ष वे अपने गांव के 50 गरीब परिवारों को आवास देने जा रहे हैं। इनमें से 40 परिवारों को मकान देने की प्रक्रिया भी उनके पंचायत ने पूरी कर ली है। हमर छत्तीसगढ़ योजना के बारे में सरपंच ध्रुव कहते हैं कि इस अध्ययन भ्रमण से उन्हें काफी कुछ नया देखने और सीखने मिला। छत्तीसगढ़ विधानसभा, मंत्रालय और पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण कर वहां के बारे में जाना-समझा। नया रायपुर देखकर वाकई में लगता है जैसे हम बेहद सुव्यवस्थित, स्वच्छ और सुंदर शहर में हैं।
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