रायपुर, 29 अक्टूबर (जस)। भारत को युवाओं का देश कहा जाता है, एक आंकलन के मुताबिक कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत हिस्सा 35 वर्ष से कम आयुवर्ग का है। इसका मतलब यह हुआ कि और देशों की तुलना में यहॉं काम करने को ज्यादा हाथ और दिमाग है।
सरकार का काम सिर्फ शिक्षा उपलब्ध कराना ही जरूरी नहीं वरन उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और उसे प्राप्त होने वाली सुविधाओं का समाज के हर वर्ग के लोगों तक पहुंच को सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। आम लोगों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करना सरकार का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने जन-सम्पर्क अभियानों से जमीनी स्तर पर विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़ी चीजों में व्यापक स्तर पर सुधार किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद कुछ समय जरूर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गति धीमी थी। छत्तीसगढ़ निमार्ण के बाद प्रथम विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा चुनी गई राज्य सरकार के गठन के बाद अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ उच्च शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की पिछले बारह साल की विकास यात्रा में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई उपलब्धियां हासिल की है। छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी अंचल नहीं, जहां उच्च शिक्षा का सूर्य प्रकाशमान न हो रहा हो। सुदूर आदिवासी अंचलों तथा दुर्गम वन प्रांतरों में भी आज उच्च शिक्षा का दीप प्रज्जवलित हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मुश्किले, चुनौतियॉं तथा बांधाएं कम नहीं थी। विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों की अपर्याप्त संख्या, भवन विहीन महाविद्यालय, आदिवासी अंचलों में अपर्याप्त विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयो जैसी चुनौतियां जहां विद्यमान थी वहीं हमारे पाठ्यक्रम भी समयानुकूल नहीं थे। प्राध्यापकों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी। इन सभी बाधाओं को सरकार द्वारा पार करने का यथासंभव प्रयास किया गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य ने बढ़ी उपलब्धियां हासिल की है।
नया रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) 23 जून 2015 से प्रारंभ हुआ। भिलाई नगर के लिए 07 अगस्त 2016 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भवन निर्माण होने तक रायपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में शुरूआत हुई। राज्य के सभी 27 जिलों के युवाओं को पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए 47 शासकीय कॉलेजों में विभिन विषयों में स्नातकोत्तर पाठयक्रम स्वीकृत किए गए है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा योजना अनुदान योजना-कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम चार लाख रूपए की ऋण सुविधा दी जा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को इस योजना के तहत ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। यह योजना दो लाख रूपए तक वार्षिक आमदनी वाले परिवारों के विद्यार्थियों के लिए संचालित है।
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