रायपुर, 19 अक्टूबर (जस)। विश्व बैंक की सहायता से छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति के लिए संचालित इस्निप परियोजना में छत्तीसगढ़ पूरे भारत में पहले नम्बर पर चल रहा है। यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दी गयी। मुख्यमंत्री ने इस्निप परियोजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान मिलने पर विभागीय मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई दी।
विभागीय अधिकारियों ने बैठक में बताया कि पोषण आहार परियोजनाओं और आंगनबाड़ी सेवाओं को अधिक मजबूत बनाना इस्निप परियोजना का उद्देश्य है, ताकि कुपोषण मुक्ति के अभियान को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके। यह परियोजना विश्व बैंक की सहायता से छत्तीसगढ़ सहित देश के आठ राज्यों-बिहार, झारखण्ड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में संचालित की जा रही है। इनमें छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ पाया गया है।
डॉ. रमन सिंह ने बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों के काम-काज, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री अमृत योजना और पोषण आहार वितरण के लिए संचालित रेडी-टू-ईट परियोजना की भी समीक्षा की। उन्होंने कुपोषण मुक्ति के लिए आंगनबाड़ी सेवाओं के साथ-साथ जनजागरण की जरूरत पर भी बल दिया। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष महिला और बाल विकास विभाग की ओर से प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इसमें अधिकारियों ने बताया गया कि राज्य में कुपोषण मुक्ति के लिए नवाचार के कई प्रयोग किए गए हैं, जिनके सराहनीय नतीजे मिलने लगे हैं। विगत दस वर्ष में राज्य में कुपोषण की दर में 17 प्रतिशत की कमी आई है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। इसमें प्राप्त आंकड़ों के अनुसार विगत चार वर्ष में कुपोषण की दर वर्ष 2012 के 40.87 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2015 में घटकर 29.87 प्रतिशत रह गई। दत्तक पुत्री सुपोषण योजना के तहत चार हजार 322 बालिकाओं को कुपोषण से मुक्त किया जा चुका है।
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