कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम कोे 30 अगस्त तक सीबीआई हिरासत (CBI custody) में भेज दिया गया।
दिल्ली की एक अदालत के आदेशानुसार चिदंबरम को कथित आईएनएक्स मीडिया घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा चार दिनों के लिए और सीबीआई हिरासत (CBI custody) में रखा जाएगा।
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने सीबीआई की इस मांग को स्वीकार कर लिया कि चिदंबरम से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत (custodial interrogation) में रखना जरूरी है।
उन्हें चार दिन की सीबीआई हिरासत (CBI custody) की समाप्ति पर आज 26 अगस्त को अदालत में पेश किया गया था।
सीबीआई ने चिदंबरम की हिरासत की अवधि पांच दिन और बढ़ाने के लिए अनुरोध किया क्योंकि सीबीआई को कुछ ई-मेल आदि के बारे में पूछताछ कर किसी और बड़ी साजिश का पता लगाना है।
उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने सीबीआई (CBI) का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच एक साथ चल रही है।
उन्होंने कहा कि ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया है और सीबीआई के साथ साक्ष्य साझा किए हैं जिसके बारे में और पूछताछ की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए INX मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (Foreign Investment Promotion Board) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने (Enforcement Directorate) 2017 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला (money laundering case) दर्ज किया।
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