Indian Ocean

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ भारत के लिए नया खतरा

नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। एलओसी  ( LoC)और एलएसी(LAC)  पर सीमा विवाद  (border dispute) के साथ-साथ अब हिंद महासागर (Indian Ocean)  क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान (China Pakistan) के बीच बन रहा गठजोड़ भारत के लिए नए खतरे ( threats) के रूप में उभर रहा है।
पूर्वी लद्दाख की सीमा एलएसी से पीछे हटने की प्रक्रिया के बीच भारत को समुद्र में घेरने के लिए चीन धीरे-धीरे पाकिस्तान की समुद्री युद्ध शक्ति को मजबूत करने मेेंं लगा है।
हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन और पाक (China Pakistan) की संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनजर भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है। भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में जलीय और वायु निगरानी को बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस क्षेत्र में नजर रखने के लिए सेटेलाइट से मदद ली जा रही है।
वैसे तो भारत की नौसेना (Indian navy)  अपनी क्षमताओं के मामले में चीन और पाकिस्तान दोनों को हिन्द महासागर (Indian Ocean) क्षेत्र में पछाड़ सकती है लेकिन समुद्री डोमेन में चीन-पाकिस्तान  की इस उभरती हुई नई चुनौती को माकूल जवाब देने के लिए तैयार रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
भारतीय नौसेना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि चीन हिन्द महासागर Indian Ocean क्षेत्र में भारत के मुकाबले पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत करने के इरादे से काम कर रहा है। इसलिए जरूरत पड़ने पर भारतीय नौसेना को समुद्र में चीन और पाकिस्तान  की बढ़त रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है।
ध्यान रहे कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के लिए नौकाओं से आतंकी भेजने के लिए समुद्र का ही इस्तेमाल किया था।
पाकिस्तान की समुद्री ताकत बढ़ाने के लिए अगले साल चीन आठ स्वतंत्र श्रेणी के डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के साथ एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन, चार टाइप-054 ए मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट और अन्य नेवी प्लेटफॉर्म और हथियार दे रहा है। यह करीब 7 बिलियन डॉलर से अधिक का सौदा है।
वर्तमान में पाकिस्तान के पास केवल नौ फ्रिगेट, पांच पनडुब्बियां, 10 मिसाइल बोट और तीन माइंस वेपर हैं।
पाकिस्तान को 2021-2022 में चीन से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस लगभग 4,000 नॉटिकल मील की रेंज की पनडुब्बी और चार नए स्टील्थ फ्रिगेट मिलने वाले हैैं।
इसी तरह 8 डीजल-इलेक्ट्रिक नौकाओं में से चार 2022-2023 तक पाकिस्तान पहुंच जाएंंगी और अन्य चार का निर्माण कराची में ही किये जाने की योजना है।
इसके मुकाबले 55 हजार नौसैनिकों से लैस विश्व की पांंचवी सबसे बड़ी भारतीय नौसेना के पास 140-युद्धपोत, 2 विमान वाहक, 8 लैंडिंग शिप टैंक, 29 गश्ती जहाज, 11 विध्वंसक, 14 फ्रिगेट, 24 कार्वेट के साथ-साथ 15 डीजल-इलेक्ट्रिक और दो परमाणु संचालित पनडुब्बियां हैं।
हिन्द महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region)में होने से भारत को बड़ा भौगोलिक लाभ मिलता है और वर्तमान में किसी भी चुनौती को लेने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार आधुनिकीकरण के चलते भारतीय नौसेना विश्व की प्रमुख शक्ति बनने की दिशा में है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी-नेवी के पास इस समय 117 प्रमुख युद्धपोत हैं। 8 उभयचर परिवहन डॉक, 32 लैंडिंग शिप टैंक, 33 लैंडिंग जहाज मध्यम, 48 विध्वंसक, 49 फ्रिगेट, 71 कोरवेट, 109 मिसाइल बोट, 94 पनडुब्बी चेज़र, 17 बंदूकधारी, 36 खान जवाबी पोत, 79 पनडुब्बियां हैं।
वह अपनी गतिरोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए टाइप-7575 लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स जैसे बड़े उभयचर युद्धपोतों का निर्माण भी कर रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के सभी जहाजों और पनडुब्बियों को चीन में ही बनाया गया है। सिर्फ सोव्मेनी-श्रेणी के विध्वंसक, केलो-क्लास पनडुब्बियों और विमान वाहक जहाजों को रूस या यूक्रेन से लिया गया है।
दरअसल, अगस्त 2017 में चीन की नौसेना ने पू्र्वी अफ्रीका के जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य ठिकाना शुरू किया था। इससे पहले अमेरिका, जापान और फ्रांस भी जिबूती में अपना सैनिक अड्डा बना चुके हैं। यहां सैन्य ठिकाना बनाने के बाद अब चीन अपने युद्धपोतों और पनडुब्बियों का परिचालन बढ़ाने केे साथ ही हिन्द महासागर क्षेत्र (Indian Ocean region) में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि इसीलिए अब चीन ने कराची के गहरे पानी वाले ग्वादर बंदरगाह मेें अपना सैैन्य ठिकाना बनाने के साथ ही भारत को समुद्र में घेरने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाया है।