देहरादून, 28 जुलाई | उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को कहा कि 19 जुलाई को उत्तराखंड में एक स्थानीय प्रशासनिक दल का सामना चीनी सैनिकों से हुआ। चीनी सैनिकों ने यहां तक कि दल को वापस लौट जाने को कहा।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ चमोली जिले के बाड़ाहोती में हुई। जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने सक्षम अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट भेज दी है और इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी घुसपैठ की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मामले से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। मैं आश्वस्त हूं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी।”
उत्तराखंड की 350 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से लगती है और अतीत में भी घुसपैठ की खबरें आई हैं। पिछले साल मवेशी चरा रहे कुछ लड़कों को चीनी सेना ने पीटा था और वहां से वापस जाने को कहा था।
सूत्रों ने कहा कि प्रशासन ने दलों को बाड़ाहोती भेजा है।
यह एक दुर्गम इलाका है, जहां केवल पैदल पहुंचा सकता है। अनुमंडलाधिकारी (एसडीएम) योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में 19 सरकारी अधिकारियों का एक दल 19 जुलाई को समर इंस्पेक्शन के लिए बाड़ाहोती रवाना हुआ था।
एक अधिकारी ने कहा कि इस दल ने भारतीय जमीन पर चीनी सैनिकों की उपस्थिति देखी। जब उनका चीनी सैनिकों से सामना हुआ, तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस लौट जाने को कहा।
दल रिमखिम पहुंचा और वहां तैनात इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के दलों को सूचना दी। इसके बाद उन्होंने यह सूचना जिलाधिकारी को दी, जिन्होंने मुख्यमंत्री को सूचित किया। भारतीय जमीन पर 40 मिनट बिताने के बाद चीनी सैनिक वापस अपने क्षेत्र में लौट गए।
फोटो: यह नक्शा खबर को समझने के लिए है, सही माप नहीं है।
–आईएएनएस
Follow @JansamacharNews