क्रिसमस का त्यौहार 25 दिसंबर को दुनिया भर में धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी हैं। कोविंद ने कहा कि यीशु मसीह शांति,सद्भाव और आशा के प्रतीक थे।
नायडू ने कहा कि क्रिसमस एक खुशी का अवसर है जो लोगों को दया और क्षमा, प्रेम और सहानुभूति के शाश्वत मूल्यों की याद दिलाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी हैं।
एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि हम ईसा मसीह की महान शिक्षाओं को याद करते हैं और एक दयालु और समान समाज बनाने की दिशा में उनके प्रयासों को याद करते हैं।
ईसा मसीह के जन्म को मनाने के लिए अनेक देशों में लोग क्रिसमस ट्री, चमचमाते पेपर स्टार, पवित्र मालाएं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं।
मध्यरात्रि को गिरजाघरों में प्रार्थनाएं की गई और मानव सेवा का संकल्प लेते हुए लोगों ने एक दूसरे का स्वागत किया।
तीर्थयात्रियों ने इस उत्सव को सार्थक बनाने के लिए भगवान ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलेहम में श्रद्धापूर्वक भाग लिया।
चर्च ऑफ द नेटीविटी में एक मध्य रात्रि धर्म सभा में आर्कबिशप पियरबेटिस्टा पिज़ाबल्ला ने श्रद्धालुओं और गणमान्य लोगों को संबोधित किया जिसमें फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास शामिल थे।
पोप फ्रांसिस ने विकसित देशों में लोगों को सादा, सरल और कम भौतिकवादी जीवन जीने का आग्रह किया ।
देश के विभिन्न हिस्सों से भी समारोह आयोजित किये गए हैं। गोवा में सड़कों, बाजारों और इमारतों को सजाया और संवारा गया है। नागालैंड में लगभग सभी गिरजाघरों में पूजा सेवा के बाद सामुदायिक भोज आयोजित किए जाते हैं।
क्रिसमस का त्यौहार अशक्तजनों की सेवा का त्यौहार भी माना जाता है। देश और दुनिया के अनेक देशों में लोग भोजन और कपड़ा वितरित करने के लिए अस्पतालों, अनाथालयों और सड़कों पर घूमते हुए अपना सहयोग देते हैं।
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