देहरादून ,10 दिसंबर(जस)।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि स्वच्छता के हमारी आदत बन जाने तक, स्वच्छ भारत मिशन की लगातार माॅनिटरिंग जरूरी है। राज्य के 5 जिले व 51 विकासखण्डों के खुले में शोच से मुक्त होने(ओ.डी.एफ.) होने पर संबंधित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित करते हुए रावत ने कहा कि अगले वर्ष से नाॅन फंक्शनल शौचालयों को फंक्शनल बाने के लिए बजट में प्राविधान कर दिया जाएगा।
राज्य के 5 जिलों व 51 ब्लाॅकों के ओडीएफ होने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हर हाल में 26 जनवरी 2017 तक पूरे राज्य को ओडीएफ बनाना है। इसके लिए सभी को जुटना होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को आगे बढ़कर अपनी भूमिका का निर्वाह करना होगा। स्वच्छता हमारे संस्कारों में शामिल हैं। यह हमारी धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है। परंतु हम इसे अपने आचरण में शामिल नहीं कर पाते हैं। जब स्वच्छता हमारी आदत बन जाएगी तो स्वच्छता में हासिल हमारी उपलब्ध्यिां स्थाई हो जाएंगी।
रावत ने कहा कि ओडीएफ गांव, ब्लाॅक व जिले बने रहें, इसके लिए बजट में एक हैड खोल दिया जाएगा। इससे नाॅन फंक्शनल शौचालयों को दुबारा फंक्शनल बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। जो जनप्रतिनिधि व अधिकारी जनहित की शुरूआतें कर उन्हें सफलतापूर्वक क्रियान्वित करते हैं, लोग उन्हें हमेशा याद रखते हैं। छोटी शुरूआतों में बड़ी ताकतें होती हैं। कोरी बयानबाजी में स्थायित्व नहीं होता है। जो ग्रासरूट पर काम करते हैं, वही सम्मान प्राप्त करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 97 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुके हैं, शेष 3 प्रतिशत भी हासिल कर 26 जनवरी तक प्रदेश को ओडीएफ बनाना है। यह काम कठिन अवश्य है, परंतु हर हाल में हमें इसे करना है।
श्रमिकों के लिए आवश्यकतानुसार मोबाईल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में सभी की सामूहिक भागीदारी से हम तेरहवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि 26 जनवरी तक पूरा प्रदेश ओडीएफ हो जाएगा। भारत सरकार के संयुक्त सचिव सत्यव्रत साहू ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में उत्तराखंड की उपलब्धि 2 साल में 70 प्रतिशत से बढ़कर 97 प्रतिशत हो गई है। पूरे भारत का औसत 60 प्रतिशत है जबकि उत्तराखंड का 97 प्रतिशत, इसके लिए मुख्यमंत्री व उनकी टीम बधाई की पात्र है। आशा है कि मिशन के दूसरे चरण में सोलिड लिक्विड वेस्ट मेनेजमेंट में भी उत्तराखंड का बेहतर प्रदर्शन रहेगा। गौरतलब है कि राज्य के पांच जिले चमोली, चम्पावत, नैनीताल, उत्तरकाशी व ऊधमसिंहनगर को ‘खुले में शौच की प्रथा से मुक्त’’ (ओडीएफ) किया जा चुका है।
विकासखण्डों में चमोली जिले के दशोली, देवाल, गैरसैंण, घाट, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, पोखरी व थराली, चम्पावत जिले के चम्पावत, बाराकोट, लोहाघाट व पाटी, नैनीताल जिले के बेतालघाट, भीमताल, धारी, हल्द्वानी, कोटाबाग, ओखलकांडा, रामगढ व रामनगर, ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, रूद्रपुर व सीतारगंज, उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डूंडा, मोरी, नौगांव व पुरोला, अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना, नमगडा, ताकुला व ताडीखेत, पौड़ी जिले के पौड़ी व कोट, टिहरी जिले के चम्बा व देवप्रयाग, पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग, डीडीहाट, गंगोलीहाट, कनालीछीना व मुनाकोट, रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ जबकि देहरादून जिले के रायपुर, सहसपुर व डोईवाला ओडीएफ घोषित किये जा चुके है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आशीष जोशी, अपर निदेशक आशीष श्रीवास्तव, स्वच्छ भारत मिशन के यूनिट कोर्डिनेटर एस. एस. बिष्ट सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
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