जम्मू-कश्मीर में भाजपा-टीडीपी की सरकार टूट गई। राज्य के हालात को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
भाजपा के महासचिव राम माधव ने मंगलवार दोपहर मीडिया को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार को आगे चलाना संभव नहीं होगा।
भाजपा द्वारा सरकार से समर्थन लेने के बाद महबूबा मुफ्ती ने जम्मू -कश्मीर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने शाम को 5 बजे के आसपास प्रेस से कहा कि मुफ्ती साहब ने बीजेपी के साथ बड़े मकसद से हाथ मिलाया था।
सूत्रों के अनुसारजम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है।
एक खास जानकारी के अनुसार राम माधव द्वारा घोषित इस महत्वपूर्ण फैसले से पहले अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी विचार-विमर्श किया था।
राम माधव ने कहा कि तीन साल पहले टीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई थी। जिन उद्देश्यों को लेकर सरकार बनाई थी, उसकी कितनी पूर्ति हुई इसकी आज की बैठकों में चर्चा हुई।
माधव ने यह भी बताया कि गठबंधन से अलग होने के निर्णय से पहले सारी परिस्थितियों पर व्यापक चर्चा हुई। प्रधानमंत्री जी और भाजपा अ/यक्ष अमित शाह से भी विचार-विमर्श किया गया।
जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल भाजपा मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि पार्टी राज्य में राज्यपाल के शासन को लागू करना चाहती है।
भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव ने कहा कि घाटी में आतंकवाद बढ़ा है तथा हालात संभालने में सरकार नाकाम रही है।
श्रीनगर में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की।
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