पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत चीन सीमा पर करीब 15,000 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु (Col Chewang Rinchen Setu) का आज उद्घाटन किया गया।
पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी (River Shyok) पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित यह पुल दुरबुक और दौलत बेग ओल्डी को जोड़ता है।
काराकोरम और चांग चेनमो पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु (Col Chewang Rinchen Setu) 400 मीटर लंबा पुल है, जिसे माइक्रो पाइलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए करीब 15,000 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। इसका निर्माण 15 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ है।
राजनाथ सिंह ने कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु (Col Chewang Rinchen Setu) को सकारात्मक बदलाव और देश के चहुंमुखी विकास के सरकार के संकल्प का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा कि यह सेतु न केवल दुर्ग को दौलत बेग ओल्डी से जोड़ता है, बल्कि लद्दाख की जनता और जम्मू-कश्मीर के सभी अंदरूनी इलाकों को देश के अन्य भागों से जोड़ता है।
रक्षा मंत्री ने कर्नल चेवांग रिनचेन (Col Chewang Rinchen )को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका साहस और शौर्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उन्होंने कर्नल रिनचेन की पुत्री डॉ. फुनसोग आंगमो को देश सेवा में उनके पिता के योगदान के लिए सम्मानित किया।
कर्नल चेवांग रिनचेन (Col Chewang Rinchen )का जन्म लद्दाख क्षेत्र में सुमूर, नूब्रा घाटी में 11 नवम्बर, 1931 को हुआ था।
लेह और परतापुर क्षेत्र की रक्षा करने के लिए उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें ‘लद्दाख के शेर’ के नाम से जाना जाता था।
वह सशस्त्र सेनाओं के उन छह जवानों में से एक है, जिन्हें दूसरा सर्वोच्च भारतीय शौर्य पुरस्कार, महावीर चक्र दो बार प्रदान किया गया।
उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत चीन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करता है। सीमा के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद है, लेकिन इस मुद्दे को काफी समझदारी और जिम्मेदारी के साथ निपटाया जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने स्थिति को और भड़कने अथवा हाथ से निकलने की इजाजत नहीं दी है।’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘वर्तमान सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, अपनी सीमाओं को मजबूत बनाना समय की मांग है। सीमा क्षेत्र का विकास हमारी सरकार की योजना का एक अभिन्न अंग है और यह सेतु उस रणनीति का एक हिस्सा है।’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कश्मीर भारत का आंतरिक और अभिन्न मसला है। यहां तक कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ महाबलीपुरम में हुई बैठक में कश्मीर का जिक्र नहीं किया। आतंक के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में चीन का हाल का बयान भी महत्वपूर्ण है।’
यह कहते हुए कि बीआरओ लद्दाख के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर रहा है, रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह क्षेत्र जल्दी ही न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि विदेशी पर्यटकों का केन्द्र बन जाएगा।
उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 में 1200 किलोमीटर सड़क का निर्माण करने के लिए बीआरओ को बधाई दी।
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