लखनऊ, 18 मार्च | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोरक्षनाथ मठ के महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने का फैसला किया है। इससे साफ हो गया है कि भाजपा योगी के बल पर ही 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है।
सप्ताह भर से उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चल रही अनिश्चितता दूर करते हुए शनिवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक दल ने हिंदू युवा वाहिनी की संस्थापक गोरखपुर से पांच बार लगातार सांसद निर्वाचित होते आ रहे आदित्यनाथ को अपना नेता चुन लिया।
लव जेहाद और धर्मातरण को लेकर खुलकर बयान देने वाले आदित्यनाथ के हाथों एक ऐसे राज्य की सत्ता सौंपी गई है, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी संख्या में है।
आदित्यनाथ 1998 में 26 वर्ष की आयु में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद से ही लगातार मुस्लिम समाज के खिलाफ बयान देते रहे हैं, हालांकि उनके नजदीकियों का मानना है कि वह ऐसा करते हुए बहुसंख्यक आबादी के दिल में जगह बनाते गए।
गोरखपुर निवासी और पेशे से वेब डिजाइनर नवीन त्रिपाठी कहते हैं, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दिल्ली या लखनऊ में बैठे प्रबुद्ध वर्ग के बीच उनकी छवि कैसी है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्टार नेता हैं।”
आदित्यनाथ के सहयोगी रहे वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि कैसे आदित्यनाथ जिलाधिकारियों से नरमी से बात करते हैं, यहां तक कि निचले स्तर के अधिकारियों से भी बिना अकड़ या गुस्सा दिखाए बात करते हैं।
गोरक्षनाथ मठ के पूर्व महंत अवैद्यनाथ द्वारा 15 फरवरी, 1994 को उत्तराधिकारी घोषित किए गए आदित्यनाथ ‘आध्यात्मिक हिंदू पद्धति’ से जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। वह कम भोजन करते हैं, गो-सेवा करते हैं और अपने संगठन हिंदू वाहिनी के माध्यम से गो-हत्या बंद करवाने का आह्वान करते हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बूचड़खानों के खिलाफ खुलकर बयान दिए और कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो बूचड़खानों को बंद करवा दिया जाएगा।
विवादित मुद्दों पर खुलकर बयान देने वाले आदित्यनाथ को चार साल पहले उप-चुनाव के दौरान पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराया था।
उत्तराखंड में राजपूत परिवार में जन्मे आदित्यनाथ विज्ञान विषय में स्नातक तक शिक्षा प्राप्त हैं। उनकी अपनी व्यक्तिगत वेबसाइट भी है और खुलकर अपने विचारों को ब्लॉग के जरिए व्यक्त करते रहे हैं।
कानों में सोने के मोटा कुंडल पहने और आंखों पर रेबैन का काला चश्मा चढ़ाए आदित्यनाथ हमेशा भगवा रंग में ही नजर आते हैं।
देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर भी उनके हिंदूवादी लाइन में कमी आने की संभावना कम ही नजर आती है, बल्कि हो सकता है कि वे इसे और आगे ले जाएं, क्योंकि भाजपा इसी के बल पर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी में नजर आ रही है।–आईएएनएस
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