देहरादूनन, 27 मई (जनसमा)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में सामुदायिक सेवा यानी कम्यूनिटी सर्विस को अनिवार्य किया जाए। विद्यार्थियों द्वारा कम्यूनिटी सर्विस के माध्यम से शत प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को पाने का प्रयास किया जाए। कम्यूनिटी सर्विस के माध्यम से युवा शक्ति को गाँवों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की दिशा में प्रोत्साहित किया जाय। इस दिशा में ग्रामीणों को रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जा सकता है, उनके जीवन सुधार के लिए शोध किए जा सकते हैं। शिक्षा का समाज को लाभ मिलना चाहिए। विश्वविद्यालय स्वामूल्यांकन करें कि उनका ‘‘सोशियो इकोनाॅमिक इम्पैक्ट’’ क्या है।
शनिवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित की जाए। सरकारी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्रों के कैरियर ट्रैकिंग की व्यवस्था बनाई जाए। ऐकेडमिक कैलेंडर का कड़ाई से पालन किया जाए। उच्च शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया जाए। उच्च शिक्षण संस्थानो में ड्रेस कोड को लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निजी विश्वविद्यालय नियामक प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। 26 निर्माणाधीन काॅलेज पूर्ण करने के लिए 22 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का वातावरण बनाने में कुलपतियों व प्राचार्यों की सर्वाधिक जिम्मेवारी होती है। काॅलेज और विश्वविद्यालय सिर्फ सर्टिफिकेट और डिग्री बाँटने के लिए नहीं हैं।
रावत ने निर्देश दिए कि 25 जून को शैक्षिक कैलेंडर घोषित किया जाएं। 45 दिन में परीक्षाएँ पूरी कराई जाएं। सभी महाविद्यालयों में ई-लाईब्रेरी (आॅनलाइन लाईब्रेरी) की व्यवस्था की जाए। अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक काॅरपस फंड गठित कर प्रत्येक वर्ष 100 विद्यार्थियों को रिसर्च स्काॅलरशिप प्रदान की जाएगी। काॅलेजों में शुल्क जमा करने के लिए पीओएस काउंटर स्थापित कर कैशलैस अर्थव्यवस्था को लागू किया जाएगा। विद्या वीरता अभियान के अंतर्गत पीवीसी, विक्टोरिया क्रास प्राप्त सैनिकों के छायाचित्रों को ‘‘वाॅल आॅफ हीरोज’’ के रूप में उच्च शिक्षण संस्थानों में स्थापित किया जाएगा।
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