एक शख्स ने अपनी मुस्कराहट भरे अंदाज़ में 17वीं लोकसभा (Lok Sabha ) के प्रथम सत्र में सदन की कार्यवाही का संचालन करते हुए न केवल सभी सदस्यों का मन मोह लिया, वरन एक नई इबारत भी लिखी।
यह शख्स और कोई नहीं लोकसभा के नए अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) है, जिन्होने लोकसभा अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी मिलने के साथ ही शांतिपूर्ण एवं अनुशासित ढंग से सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
इतना ही नहीं एक ही सत्र में 35 विधेयक पारित करा एक नया इतिहास भी रचा। इस सत्र की खास बात यह रही कि बात यह रही कि इस बार हंगामे की वजह से सदन को एक बार भी स्थगित नहीं करना पड़ा I
इस दौरान लोकसभा की कार्यवाही कुल 281 घंटे चली एवं इसकी उत्पादकता 135 प्रतिशत रही I
इस दौरान मंत्रियों द्वारा सबसे ज्यादा सवालों के मौखिक जवाब दिए गए, जो कि पिछले 10 सालों में किसी भी सत्र में सबसे ज्यादा संख्या है ।
दोनों सदनों द्वारा लगभग सभी प्रकार की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों से संबंधित 30 विधेयक पारित किए गए, जो नई लोकसभा के गठन के बाद के एक प्रभावी प्रथम सत्र का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है ।
प्रायः शोरगुल और हंगामे में डूबे रहने वाले सदन को लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) ने निष्पक्षता के साथ संचालित किया। इसके साथ ही कम संख्या वाले दलों को सदन में अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय दिया I
अपने वायदे के अनुसार पहली बार चुन कर आये सांसदों को बोलने का हरसंभव अवसर प्रदान किया और देर रात तक लोकसभा की कार्यवाही का संचालन किया।
समय के बंटवारे की सूझबूझ के कारण ही लोकसभा में इस बार निर्वाचित 46 महिला सांसदों में से 42 महिला सांसदों को बोलने का मौका मिल सका I
लोकसभा के मानसून एवं बजट सत्र के समापन के अवसर पर सदन की शांतिपूर्ण कार्यवाही का श्रेय भी लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) ने सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों को देते हुए कहा कि सदन हमेशा बहुमत से नहीं , वरन सर्वसम्मति से ही चलता है I
उन्होंने लोकसभा के पहले सत्र को 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र की संज्ञा भी दी I
लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) के एक सौ कार्य दिवस इस रविवार को पूरे हुए है। इन दिवसों का मूल्यांकन बहुत ही अहंम हैं।
पहले ही सत्र में हुए ऐतिहासिक काम
- सत्र के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कार्य जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों
- आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू- कश्मीर तथा लद्दाख का गठन
- तीन तलाक मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019,
- सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक,2019 एवं
- मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक,2019 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी पास किये गए ।
- लोकसभा में औसतन 81 प्रतिशत कामकाज हुआ ।
- लोकसभा की कुल 37 बैठकें हुई ।
प्रधानमंत्री ने की प्रशंसा
चौकाने वाले फैसलों के लिए विख्यात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जोहरी जैसी पारखी नज़रों से ओम बिरला को लोकसभाध्यक्ष के संवैधानिक उच्च पद के लिए खोज निकाला एवं उनके सर्वसम्मति से निर्विरोध हुए निर्वाचन अवसर पर बधाई देते हुए देश के सामने ओम बिरला के विलक्षण व्यक्तित्व एवं कृतित्व की ज़बरदस्त शब्दों में भूरी- भूरी प्रशंसा की।
सक्रिय जननेता
लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) राजस्थान के हाड़ौती अंचल कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं । वह देश के एक प्रमुख संवैधानिक पद लोकसभाध्यक्ष बनने वाले राजस्थान के मूल के पहले जननेता हैं।
इससे पूर्व राजस्थान से निर्वाचित बलराम जाखड़ भी लोकसभाध्यक्ष रहे है, लेकिन वे राजस्थान मूल के नहीं , पंजाब प्रान्त के निवासी थे ।
छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त 57 वर्षीय बिरला के लिए कोटा उनकी जन्म व कर्मभूमि दोनों ही है ।
वह कोटा शहर से राजस्थान विधानसभा के लिए लगातार तीन बार 2003, 2008 और 2013 में सदस्य चुने गए व एक सक्रिय विधायक रहने के साथ-साथ विधानसभा में संसदीय सचिव भी रहे हैं ।
इस सत्र से एक और नई परंपरा भी शुरू की गई, जिसके तहत अब किसी विशेष सदन के वर्तमान सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में सदन की कार्यवाही सिर्फ़ एक दो घण्टे ही रोकी जायेंगी।
मालदीव यात्रा
लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा में ओम बिरला ने सितम्बर के पहले सप्ताह में मालदीव में आयोजित दक्षिण एशियाई देशों के संसदीय अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया ।
सम्मेलन में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बंगलादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की संसदों के अध्यक्ष एवं पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया ।
सम्मेलन में समान पारिश्रमिक और युवाओं के लिए रोजगार सृजन, कार्य में समानता को बढ़ावा देना, सतत् विकास लक्ष्य, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मातृ शिशु और किशोरों के लिए स्वास्थ्य के सहायक के रूप में पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा भी शामिल थे।
64 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में
लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) ने हाल ही युगांडा में आयोजित 64 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
— नीति ‘गोपेन्द्र’ भट्ट