नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक कोरोना (COVIID-19) मरीज को क्वारंटीन सेंटर (quarantine centres) जाकर जांच कराने (testing) की बाध्यता की वजह से दिल्ली में अफरा-तफरी मच गई है।
इससे दिल्ली में कोरोना (COVIID-19) को और फैलने का खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को पत्र लिख कर नए आदेश को वापस लेने और दिल्ली में पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग की है, जिसके तहत सरकार की मेडिकल टीमें ही लोगों के घर जाकर जांच कर सके और आवश्यकता के अनुसार उन्हें होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दे सके।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ज्यादातर मीडिया रिपोर्ट इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि दिल्ली में किसी व्यक्ति के लिए होम आइसोलेशन में रखने से पहले जो व्यवस्था बनी है, उसको लेकर लोगों को काफी समस्या आ रही है।
एलजी साहब ने अब जो नई व्यवस्था बनाई है, उसमें हर कोरोना मरीज को क्वारंटीन सेंटर (quarantine centres) जाना होगा। वहां पर उसकी जांच होगी और उसके बात तय होगा कि वो व्यक्ति होम आइसोलेशन में रह सकता है, तो उसे घर भेजा जाएगा। यदि कोई लक्षण है और उसे क्वारंटीन सेंटर (quarantine centres)में रहना है, तो उसको रोक लिया जाएगा। इस वजह से लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना पाॅजिटिव आते ही उनके सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है कि उन्हें कोई लक्षण नहीं भी है, तब भी उन्हें क्वारंटीन सेंटर (quarantine centres) जाना ही पड़ेगा। यदि वह अपनी जांच नहीं कराता है, तो पुलिस और प्रशासन के लोग उसको फोन करेंगे।
इससे लोगों में चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई है। लोग घबराए हुए हैं कि उनको पुलिस-प्रशासन लेकर जाएगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक ऐसे समय में जब मरीज को सरकार की तरफ से मदद मिलनी चाहिए, हम उसको लाइन में लगने की सजा दें रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा “मैने एलजी साहब से अनुरोध किया है कि पहले वाली व्यवस्था लागू करें, ताकि सरकार की टीम घर पर जाकर लोगों की जांच करे और होम आइसोलेशन में रहने के लिए उपयुक्त हैं, तो घर पर रहने के लिए कहेगी।