नई दिल्ली, 13 अप्रैल (जनसमा)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उनके द्वारा पिछड़े वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए आभार व्यक्त किया। पार्टी के पिछड़ा वर्ग के सांसदों ने इसे आजादी के 70 वर्षों से गरीब एवं दूर-दराज क्षेत्रों में बसे हुए पिछड़े वर्गों की एक लंबित मांग को पूरा करने का ऐतिहासिक कदम बताया।
इस अवसर पर सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि पिछड़े वर्ग की जातियों के कल्याण के कार्य को संवैधानिक आयोग को सौपने से उनके जीवन में बदलाव के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ये प्रबंध करेगी कि मंत्रालय से भी इनकी शंका के समाधान को सभी वर्गों तक पहुँचाने का प्रबंध किया जायेगा। पिछड़ा वर्ग के सांसदों से भी उन्होंने अपेक्षा करते हुए कहा कि उनका भी इस वर्ग के नेता होने के नाते यह दायित्व बनता है कि वे पिछड़े समाज को शिक्षित करने एवं कानून का फायदा पहुँचाने की दृष्टि से जन-जागरण करने का काम करें, यह इस वर्ग के सभी सांसदों का नैतिक एवं संवैधानिक दायित्व है।
उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज आत्म सम्मानीय समाज है, और छोटे से उपकार को भी कभी भूलता नहीं है, हमें उनके जीवन को बदलने के अवसरों को इस संवैधानिक अधिकार के माध्यम से बढ़ाना चाहिए ।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षीय दल के रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि लम्बे समय से जिस विषय को लेकर ओबीसी संसदीय समिति की सिफारिश, और सभी दलों के सांसदों ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें मिलकर संविधान के इस संशोधन को करने का आग्रह किया उसे लोकसभा में सर्वसम्मति से तो पारित किया गया लेकिन राज्यसभा में रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के नकारात्मक राजनीति से पिछड़े वर्ग के अधिकारों को रोकना खेद जनक है। उन्होंने सांसदों से कहा कि वे अपने विपक्ष के सांसदों को समझाए।
इस अवसर पर सांसदों की तरफ से आभार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि एक सांसद के नाते मै 1977 से इस मुद्दे के लिए लड़ रहा था, परन्तु आज यह सुखद संयोग है कि नियति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे दृढ नेतृत्व के माध्यम से इस कार्य को पूरा किया।
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