अहमदाबाद, 06 मई। लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में गुजरात में मंगलवार 7 मई को 25 सीटों पर मतदान होगा। गुजरात में एकतरफा माने जा रहे चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की है। जिस तरह से कांग्रेस ने बीजेपी को टक्कर दी है उसे देखकर बीजेपी नेता भी हैरान हैं।
गौरतलब है कि सूरत सीट से बीजेपी के खिलाफ सभी उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए थे।
क्षत्रिय आंदोलन कांग्रेस के लिए कितना वरदान है यह तो 4 जून को पता चलेगा लेकिन मौजूदा भीषण गर्मी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है।
मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक सौराष्ट्र-कच्छ, दक्षिण गुजरात, दमन, दादरा नगर हवेली के ज्यादातर इलाकों में लू चलने की आशंका जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक मतदान के दिन अहमदाबाद और गांधीनगर में तापमान 42 डिग्री तक जा सकता है, ऐसे में लोग मतदान करने से बचेंगे। हालाँकि, इतिहास गवाह है कि गुजरात में कम मतदान भाजपा के लिए हानिकारक रहा है। जानकारों के मुताबिक कम मतदान का नुकसान हमेशा सत्ताधारी दल को होता है।
भारत के सबसे पुराने गुजराती के अख़बार ‘मुंबई समाचार’ ने अपने चुनाव विश्लेषण में कहा है कि भाजपा नेताओं के लिए एक बड़ी चिंता की बात यह है कि एक तरफ जहां राज्य में क्षत्रिय आंदोलन चल रहा है, जो कभी भाजपा का वफादार वोट बैंक था और अब पार्टी से पूरी तरह से अलग हो गया है। मौसम विभाग ने 2014 और 2019 की तरह हीटवेव की भविष्यवाणी की है. इसे देखकर हो सकता है कि मतदाता वोट देने के लिए घर से न निकलें।
‘मुंबई समाचार’ का आंकलन है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और आय असमानता जैसे आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई, इसलिए लोग वोट देने के लिए प्रेरित नहीं हुए। यूं भी गर्मी के दौरान राज्य में नेताओं के रोड शो और चुनावी सभाओं में कुर्सियां खाली नजर आईं।
तीसरे चरण में कल 7 मई को गुजरात की 25 सीटों समेत 12 राज्यों की 94 सीटों पर मतदान होना है। अगर गुजरात में कम मतदान हुआ तो कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को बड़ा नुकसान होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इस चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती दी है, उसे देखते हुए कम मतदान भाजपा के लिए नुक़सानंदायक हो सकता है।
पिछले 2014 और 2019 के दोनों लोकसभा चुनावों में मोदी मैजिक के कारण कुल मिलाकर 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा ने सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन अतीत में मतदान कम होने से बीजेपी को भी जबरदस्त झटका लगा है।
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