नई दिल्ली, 31 दिसंबर। सरकार ने सोलहवें वित्त आयोग का गठन किया है।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अरविंद पनगढ़िया इसके अध्यक्ष होंगे।
सोलहवें वित्त आयोग के सदस्यों को अलग से अधिसूचित किया जाएगा। ऋत्विक रंजनम पांडे को आयोग का सचिव नियुक्त किया गया है।
आज जारी अधिसूचना में सोलहवें वित्त आयोग के लिए विस्तृत विचारार्थ विषय भी बताए गए हैं।
सोलहवां वित्त आयोग निम्नलिखित विषयों के संबंध में सिफारिशें करेगा :-
(i) संघ और राज्यों के बीच करों की निवल आय (net income) का वितरण, जो संविधान के अध्याय I, भाग XII के अधीन उनके बीच विभाजित किया जाना है या किया जा सकता है और ऐसी आय के संबंधित शेयरों के राज्यों के बीच आबंटन;
(ii) वे सिद्धांत जो भारत की संचित निधि (Consolidated Fund) में से राज्यों के राजस्व के सहायता अनुदान को नियंत्रित करें और संविधान के अनुच्छेद 275 के अधीन राज्यों को उनके राजस्व के सहायता अनुदान के रूप में उस अनुच्छेद के खंड (1) के प्रावधानों में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिए भुगतान की जाने वाली राशि; और
(iii) राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायतों और नगरपालिकाओं के संसाधनों को संपूरित करने के लिए राज्य की संचित निधि में वृद्धि करने के लिए आवश्यक उपाय।
सोलहवां वित्त आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (2005 का 53) के तहत गठित निधियों के संदर्भ में आपदा प्रबंधन पहलों के वित्तपोषण पर वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर सकता है और उन पर उचित सिफारिशें कर सकता है।
सोलहवें वित्त आयोग से अनुरोध किया गया है कि वह 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाले पांच वर्षों की अवधि को कवर करते हुए 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट दे ।
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