भोपाल, 30 जुलाई (जनसमा)। मैहर में संत रविदास आश्रम परिसर में संत शिरोमणि रविदास जी के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य दो करोड़ रूपये की लागत से कराया जा रहा है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। चौहान ने संत रविदास आश्रम में समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश में संत रविदास महाकुम्भ का आयोजन होगा। मैहर को देश का सबसे अच्छा और सबसे सुन्दर तीर्थ स्थल बनाया जायेगा।
(जनसमाचार की टिप्पणी : मैहर का नाम हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में आदर के साथ लिया जाता है। मैहर घरान, मैहर रियासत में स्थापित किया गया था जो महाराज सर ब्रिजनाथ सिंह जू देव के शाही संरक्षण में फलाफूला। अपने जमाने के प्रसिद्ध सरोदवादक उस्ताद अल्लाउदीन खान द्वारा इस घराने की स्थापना कीगई।
मैहर के महाराजा खुद एक प्रतिभाशाली संगीतकार थे जिन्होंने नल तरंग विकसित किया था जो मूल रूप से बंदूक बैरल से बनाया गया एक संगीत वाद्य यंत्र है। मैहर के शास्त्रीय संगीत के बैण्ड की भी किसी जमाने में बहुत धूम थी।
इस घराने में अनेक शास्त्रीय कलाकार हुए हैं किन्तु जिन संगीतकारों ने यहां की कला विरासत को दुनिया में मशहूर किया उनमें पं रविशंकर,निखिल बेनर्जी, उस्ताद अली अकबर खां उल्लेखनीय नाम हैं। क्या मुख्यमंत्री जी का ध्यान यहां की कला विरासत को संरक्षण देने की ओर गया?)
मैहर के अधोसंरचना विकास, सौन्दर्यीकरण, नागरिक सेवाओं और आस-पास के महत्वपूर्ण धार्मिक पुरातत्व और पर्यटन महत्व के स्थलों के विकास को शामिल कर मैहर की मिनी स्मार्ट सिटी की 270 करोड रूपये की कार्य-योजना प्रारंभ की जा रही है।
मैहर का भौगोलिक इलाका प्रागैतिहासिक काल से माना जाता है किन्तु इसकी स्थापना ओरछा के शासकों द्वारा दी गई भूमि पर जोगी परंपरा के लोगों ने किया था। यह सन् 1778 के आसपास की घटना है।
पिछले वर्ष जून माह में मैहर के विकास की 103 घोषणाएँ की गई थीं जिनमें से 79 पूरी हो गई हैं और शेष सभी घोषणाएँ भी पूरी की जायेंगी।
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