लखनऊ/बस्ती, 6 फरवरी। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (एनआरईजीएस) के तहत, बस्ती जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एक ही जगह केले की खेती और मछली पालन के लिए तालाबों को विकसित किया है।
इन तालाबों में जहां मत्स्य पालन किया जा रहा है तो वहीं इसके चारों ओर बाड़ लगाकर केले के पेड़ भी लगाए गए हैं।
पूरे जिले में अब तक ऐसे 1085 केला खेती और मछली तालाबों को विकसित किया गया है। इस महत्वपूर्ण पहल से जिले के ग्रामीणों को आर्थिक सुरक्षा, रोजगार, और आजीविका के नए स्रोत प्राप्त होंगे। यह प्रकल्प स्थानीय ग्रामीणों को निरंतर आय का स्त्रोत प्रदान करेगा और साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेगा।
बस्ती जिले के डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि इस परियोजना के तहत अब तक जिले में कुल 1085 तालाबों का निर्माण किया गया है तथा 1085 गांवों का संवर्धन किया गया है। प्रति तालाब खर्च की गई राशि 1.28 लाख से 6 लाख रुपए के बीच है, जो तालाब के आकार पर निर्भर करती है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए कुल 1111 तालाबों को चिन्हित किया गया था, जिनमें से 1085 में परियोजना को पूर्ण कर लिया गया है। कुल मिलाकर इन तालाबों में 9761 किग्रा मछलियों का संचयन किया गया है।
वामसी के अनुसार, इस परियोजना के दौरान 547129 मानव दिवस सृजित किए गए हैं। इसके माध्यम से कुल 9150 जॉब कार्ड धारकों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इन तालाबों की मेड़ पर कुल 42493 केले के पौधे रोपे गए हैं। इसके साथ ही, प्रत्येक तालाब से अगले वर्ष 682 किलोग्राम का अपेक्षित मछली उत्पादन होने की उम्मीद है। वहीं, प्रति तालाब प्रति वर्ष 1364 किलोग्राम का अपेक्षित मछली उत्पादन होने की संभावना है।
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