नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (जनसमा)। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में फल-फूल रही ‘सामुद्रिक अर्थव्यवस्था’ देश की अर्थव्यवस्था में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देती है। 2020 तक अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 14 नये जहाज लाए जाएंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय जहाजरानी मंत्री गडकरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहले अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में केवल एक राष्ट्रीय राजमार्ग होता था, लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 7 राष्ट्रीय राजमार्गों अस्तित्व में आ चुके हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को बाराटंग में समुद्री रास्ते का उद्घाटन किया । इसके साथ ही पोर्ट ब्लेयर में सूखी गोदी के विस्तार, नील द्वीप में बर्थिंग जलबंधक के साथ होपटाउन में गोदी के विस्तार और एक अतिरिक्त सेतु के निर्माण परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत में 7,300 किलोमीटर लम्बी तटीय रेखा है और देश की भौगोलिक स्थिति विशाल है, इसलिए सुरक्षा प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ‘दीवारों और चारदीवारियों के निर्माण से देश को सुरक्षा नहीं प्राप्त होगी, हमारी असली ताकत समुद्र और वायु में है जिसे मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है।’
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री गडकरी ने कहा कि मंत्रालय सागरमाला परियोजना के तहत ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। देश में जहाजों के निर्माण के लिए नई प्रौद्योगिकी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गडकरी ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में अधिकांश जहाज पुराने हैं और उनकी जगह नये जहाज लाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि 2020 तक अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 14 नये जहाज लाए जाएंगे।
गडकरी ने यह भी कहा कि क्रूज टर्मिनलों के विकास से अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने निजी क्षेत्र के निवेशकों से द्वीपसमूह में क्रूज पर्यटन विकसित करने का आग्रह किया।
बाराटंग के लिए समुद्री रास्ते का आज उद्घाटन हुआ जो राष्ट्रीय राजमार्ग-4 रुट का एक विकल्प उपलब्ध कराएगा जो जारवा जनजातीय अभ्यारण्य से होकर गुजरता है और बाराटंग को पोर्ट ब्लेयर से जोड़ता है। इस प्रकार यह समुद्री रास्ता जनजातीय क्षेत्रों को असुविधा पहुंचाए बगैर पर्यटन को बढ़ावा देगा।
होप टाउन में गोदी के विस्तार की परियोजना से फिलहाल बड़े पोतों की बर्थिंग की सुविधा मिलेगी। गोदी का उपयोग पेट्रोलियम उत्पादों की आवाजाही के लिए किया जाता है और बड़े पोतों की बर्थिंग से इन उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। इस परियोजना के फरवरी 2018 तक संपन्न हो जाने की उम्मीद है।
अतिरिक्त अप्रोच सेतु (जेट्टी) के निर्माण एवं नील द्वीपसमूह में वर्तमान सेतु के विस्तार से एक से अधिक जहाजों को समायोजित करने में मदद मिलेगी जो पहले संभव नहीं था। इस परियोजना के मार्च 2018 तक संपन्न हो जाने की उम्मीद है।
पोर्ट ब्लेयर में सूखी गोदी-2 के विस्तार से उपलब्ध जहाज निर्माण एवं जहाज मरम्मत सुविधाओं के संवर्द्धन में सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के सितंबर 2019 तक संपन्न हो जाने की उम्मीद है।
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