ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध पर अदालती आदेश पर रोक से इंकार

वाशिंगटन, 5 फरवरी | अमेरिका की एक अदालत ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के देश में प्रवेश को प्रतिबंधित करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर अस्थाई रोक लगाने वाले अदालती फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। अदालती फैसले पर रोक लगाने की अपील अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने की है। सीएनएन के मुताबिक, नौंवी सर्किट अदालत ने इस मामले से संबंधित कानूनी विवरण दाखिल करने को कहा है, और इसके बाद ही वह कोई फैसला सुनाएगा।

न्याय विभाग ने यात्रा प्रतिबंध पर रोक लगाने वाले न्यायाधीश के फैसले पर रोक लगाने के लिए अदालत में अपील की थी।

संघीय न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा था कि यात्रा प्रतिबंध से जनता को नुकसान पहुंच सकता है।

गौरतलब है कि अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश जेम्स रॉबर्ट ने शुक्रवार को ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध संबंधी कार्यकारी आदेश को रद्द कर दिया था।

ट्रंप ने सीरिया, ईरान, इराक, लीबिया, सूडान, सोमालिया, यमन देशों के नागिरकों के अमेरिका में 90 दिनों तक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही सभी देशों के शरणार्थियों के अमेरिका में 120 दिनों तक प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई थी।

रॉबर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने अदालत में अपील की थी।

न्याय विभाग ने अपील में कहा है, “रॉबर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के फैसले का उल्लंघन माना जाता है, जिसके तहत राष्ट्रपति के पास किसी भी बाहरी के देश में प्रवेश को रोकने का अधिकार है।”

न्याय विभाग ने कहा है कि जिन पक्षों -वाशिंगटन और मिनेसोटा के अटॉर्नी जनरल्स- ने यह मुकदमा दायर किया है कि उनके पास संघीय अदालत में मुकदमा करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके कथित आरोप अत्यंत काल्पनिक हैं।

सीएनएन के मुताबिक, नौवीं सर्किट अदालत में जो तीन न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई करने वाले हैं, उनमें तत्कालीन राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर द्वारा नियुक्त न्यायाधीश विलियम केनबी, तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुध द्वारा नियुक्त रिचर्ड क्लिफ्टन और तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा नियुक्त मिशेल फ्रीडलैंड शामिल हैं।

ट्रंप से जब फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि क्या उन्हें भरोसा है कि उनका प्रशासन इस कानूनी मुकदमे में जीत हासिल कर पाएगा? ट्रंप ने कहा, “हम जीतेंगे। हम देश की सुरक्षा के लिए जीतेंगे।”

–आईएएनएस