नई दिल्ली, 28 सितंबर। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने कहा है कि जल्द ही जारी किए जाने वाले दूसरे सीरो सर्वेक्षण सेे संकेत मिले हैं कि कोविड -19 के खिलाफ सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से बहुत दूर हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन रविवार को सन्डे संवाद के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूछे गये सवालों का उत्तर दे रहे थे।
वर्तमान कोविडसंकट के अलावा चिकित्सा बुनियादी ढांचे, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के भविष्य, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान में भारत के योगदान और मौसम विज्ञान में प्रगति के बारे में प्रश्न शामिल थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने के बारे में आशंकाओं को दूर किया और सैलून तथा हेयर-स्पा में जाते समय उचित प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि वह खुद अपनी कार को रोककर कोविड निर्देशों का अनुपालन ना करने वाले लोगों को अपने मास्क पहनने के लिए कहते हैं। उन्होंने पूजा स्थलों में भी मास्क पहनने की आवश्यकता पर फिर से जोर दिया।
उन्होंने कहा,”महामारी का मुकाबला तभी किया जा सकता है सरकार और समाज मिलकर काम करें।”
स्वास्थ्य मंत्री ने भी नारा दिया:
दो गज की दूरी, और थोड़ी समझदारी, पड़ेगी कोरोना पे भारी।
उन्होंने आगे आगाह किया कि आईसीएमआर की सेरो सर्वेक्षण रिपोर्ट से लोगों में संतोष का भाव पैदा नहीं होना चाहिए।
मई 2020 के पहले सीरो सर्वेक्षण में पता चला कि नोवल कोरोनो वायरस संक्रमण का देशव्यापी प्रसार केवल 0.73% था। यहां तक कि जल्द ही जारी किए जाने वाले दूसरे सीरो सर्वेक्षण के संकेत हैं कि हम किसी भी प्रकार की सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से बहुत दूर हैं, और ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी को कोविड दिशानिर्देशों के अनुसार उचित व्यवहार का पालन करें।
रेमेडेसिविर और प्लाज्मा थैरेपी जैसे उपचारों के व्यापक उपयोग के बारे में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने उनके तर्कसंगत उपयोग के संबंध में नियमित सलाह जारी की है।
निजी अस्पतालों को भी इन जांच उपचारों के नियमित उपयोग के खिलाफ सलाह दी गई है।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में डॉक्टरों को वेबनार के द्वारा तथा एम्स के टेली-परामर्श से इसके बारे में आगाह किया जारहा है।
यह बीमारी न केवल हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है, बल्कि अन्य अंग प्रणालियों, विशेष रूप से हृदय और गुर्दे को भी प्रभावित करती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की जांच करने के लिए पहले ही विशेष समितियों का गठन किया है और आईसीएमआर भी इस विषय का अध्ययन कर रहा है ।
आईसीएमआर भी सक्रिय रूप से पुनः संक्रमण की रिपोर्टों की जांच और शोध कर रहा है, हालांकि इस समय पुनः संक्रमण मामलों की संख्या नगण्य है, सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड जांच की कीमतें कम करने की सलाह दी गई है।
महामारी के शुरुआती दिनों में जांच किटों के आयात के कारण कोविड नमूनों की जाँच की कीमत अधिक थीं।
लेकिन अब, परीक्षण किटों की आपूर्ति भी स्थिर हो गई है और इन किटों का घरेलू उत्पादन भी शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निजी प्रयोगशालाओं को पारस्परिक रूप सहमत कम दरों पर जांच उपलब्ध करने के लिए लिखा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से अपने राज्यों में जांच की कीमतों में कमी के बारे में बात की है।
Follow @JansamacharNews