नई दिल्ली, 22 अगस्त (जनसमा)। देश भर के 15,398 पुलिस स्टेशनों में से 13,439 पुलिस स्टेशनों में कनेक्टिविटी उपलब्ध है। 36 राज्यों/संघशासित प्रदेशों में से 35 राज्य/संघशासित प्रदेश सात करोड़ रिकॉर्ड वाले सीसीटीएनएस डेटाबेस साझा कर रहे हैं, जिसमें 2.5 करोड़ प्राथमिकियां शामिल हैं।
डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने में सक्षम बनाएगा । यह पोर्टल शुरूआत में 34 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में कर्मचारियों, किरायेदारों, नर्सों आदि के पते का सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मंजूरी, खोई या पाई वस्तुएं और वाहन चोरी आदि जैसी सात सार्वजनिक सेवाओं की पेशकश करेगा।
फोटो सौजन्य – तमिलनाडु पुलिस
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत डिजिटल पुलिस पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि सीसीटीएनएस पोर्टल देश भर में कहीं से भी किसी भी अपराधी के पूरे इतिहास का ब्यौरा जांचकर्ता को उपलब्ध कराएगा। ये सॉफ्टवेयर गूगल जैसे उन्नत सर्च इंजन और विश्लेषणात्मक रिपोर्टों की पेशकश करता है। यह पोर्टल 11 प्रकार की जांच तथा 44 प्रकार की रिपोर्ट्स उपलब्ध कराता है।
गृह मंत्रालय आपराधिक न्याय प्रणाली के पुलिस, न्यायालय, जेल, अभियोजन, फोरेंसिक प्रयोगशालाएं, फिंगर प्रिंट्स और किशोर गृह सहित विभिन्न अंगों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्ट्स (सीसीटीएनएस) डेटाबेस के साथ जोड़ने के लिए कदम उठाएगा।
सिंह ने कहा कि यह इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) नीति निर्धारकों सहित समस्त हितधारकों के लिए उपयोगी संसाधन साबित होगा।
इसके अलावा यह पोर्टल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूर्ववर्ती सत्यापन और प्राथमिकियों का आकलन करने जैसे विषयों के लिए सीमित पहुंच प्रदान करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत शामिल 15,398 पुलिस स्टेशनों में से 14,284 पुलिस स्टेशन सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन 14,284 पुलिस स्टेशनों में से 13,775 पुलिस स्टेशनों में इस सॉफ्टवेयर के अंतर्गत 100 प्रतिशत प्राथमिकियां दर्ज हो रही हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों में सीसीटीएनएस परियोजना के कार्यान्वयन की रफ्तार संतोषजनक है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 1,450 करोड़ रुपये की राशि जारी की है, जिसमें से राज्यों/संघशासित प्रदेशों द्वारा 1086 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर और किरेन रिजीजू के अलावा गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन, सीएपीएफ के महानिदेशक और गृह मंत्रालय तथा एनआईसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि सीसीटीएनएस पोर्टल आपराधिक न्याय व्यवस्था की रीढ़ बनेगा और आगे चलकर इस डेटाबेस को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहनों के पंजीकरण संबंधी डेटाबेस से जोड़ा जाएगा।
गृह मंत्रालय के ओएसडी राजीव गाबा ने कहा कि सीसीटीएनएस पोर्टल देश में बड़ा परितर्वन लाने वाला, फोर्स मल्टीप्लायर साबित होगा और पुलिस के कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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