पटना, 24 फरवरी | बिहार व मध्यप्रदेश सहित पूरे देश के शिवालय फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी (महाशिवरात्रि) पर्व को लेकर भक्तों के हर-हर महादेव के नारों से गूंजायमान हो रहे हैं। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिरों में पूजन, जलाभिषेक, रूद्राभिषेक के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
पटना के मंदिरों में शुक्रवार तड़के से भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। महाशिवरात्रि के मौके पर भक्त अपने अराध्य की पूजा-अर्चना करने के लिए शिवालयों में पहुंच रहे हैं। शिवालयों में शिव भक्तों की कतार लगी है।
पटना में छोटे-बड़े सभी शिवालयों को फूलों से सजाया गया है और आकर्षक ढंग से रोशनी की व्यवस्था की गई है। मुजफ्फपुर, हाजीपुर, सुपौल, पूर्णिया और महर्षि विश्वामित्र की नगरी बक्सर में भी सुबह से ही शिवालयों में भक्ति के गीत बज रहे हैं। वहीं, महिला शिवभक्त भी गीत गाकर भगवान शिव को खुश करने का प्रयास कर रही हैं।
पटना में कंकड़बाग के आनंदनाथ शिव मंदिर समेत कई स्थानों पर झांकी निकालने की तैयारी अंतिम चरण में है। सिमली स्थित प्राचीन शिव मंदिर में शोभायात्रा निकाली जाएगी। महाशिवरात्रि के मौकेपर कई शिवालयों और मंदिरों में अखंड कीर्तन, जलाभिषेक और रूद्राभिषेक का अनुष्ठान हो रहा है। महाशिवरात्रि के मौके पर अशोक नगर में भी तांडव नृत्य के साथ शिवजी के जीवनी पर नृत्य नाटिका का कार्यक्रम है।
आचार्य जयकुमार पाठक के मुताबिक, “इस वर्ष महाशिवरात्रि विशेष संयोग लेकर आया है, जो सभी के लिए शुभ फल देने वाला है। महाशिवरात्रि पर्व इस बार सर्वार्थ सिद्घि योग भी इस दिन बना रहा है, जो सभी के लिए शुभ फलदायी रहेगा।”
उन्होंने कहा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है तथा सभी कष्टों से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है।
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। पूजा-अर्चना और अनुष्ठान का दौर जारी है। भोजपुर शिव मंदिर से लेकर महाकाल के दरबार और अन्य शिवालयों में अलसुबह से ही श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। राजधानी के करीब स्थित भेाजपुर के शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से श्रद्घालु पहुंच रहे हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना कर रहे हैं। यहां पहुंच रहे भक्तगण धतूरा, विल्व पत्र अर्पित कर रहे हैं और हर-हर महादेव के जयकारे हर तरफ सुनाई दे रहे हैं।
इसी तरह 12 ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकाल के दरबार में गुरुवार-शुक्रवार की मध्य रात्रि से ही श्रद्घालुओं की लंबी कतारें लगने लगीं। भस्मारती के बाद महाकाल के पट 44 घंटों के लिए खुल गए।
मंदिर के पुजारी आशीष ने संवाददाताओं को बताया कि इस बार महाशिवरात्रि विशेष है, क्योंकि शिवरात्रि के साथ प्रदोष भी है, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। शुक्रवार की सुबह भस्म आरती के बाद से बाबा महाकाल के पट 25 फरवरी की रात 11 बजे तक अनवरत खुले रहेंगे और पूजा-पाठ का दौर चलता रहेगा।
इसी तरह ओंकारेश्वर, मंदसौर के पशुपतिनाथ, खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना का दौर जारी है। हर तरफ हर हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं, शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं, श्रद्घालुओं की भीड़ के मद्देनजर हर स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। –आईएएनएस
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